Periods के दौरान आते हैं मोटे-बड़े खून के थक्के तो बात चिंता की...!

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 09:04 PM (IST)

नारी डेस्कः महिला की जिंदगी में पीरियड्स आना एक नेचुरल प्रोसेस हैं लेकिन पीरियड्स अगर ठीक तरीके से ना आए तो यह कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स का संकेत भी देते हैं जैसे कि पीरियड्स कम आना-ज्यादा आना, समय पर ना आना या फिर पीरियड्स के दौरान बड़े थक्के आना। वैसे तो पीरियड्स के दौरान खून के थक्के आना सामान्य है। पीरियड्स के दौरान खून के थक्के आने को मेंस्ट्रुल क्लॉट कहा जाता है  लेकिन मोटे और बहुत बड़े थक्के आना चिंताजनक हो सकता है। अगर आपको पीरियड्स में बड़े थक्के आते हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। चलिए आपको इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हैं। 

खून के थक्के क्या होते हैं?

पीरियड्स के दौरान शरीर से निकलने वाला खून,  कभी-कभी गाढ़ा होकर थक्कों के रूप में बाहर आता है। ये थक्के छोटे या बड़े हो सकते हैं और इनका रंग हल्के लाल से गहरे लाल तक हो सकता है। यह जमे हुए खून के थक्के टिश्यू, और जेल जैसी खून की बूंदों की तरह होते हैं और अक्सर पीरियड के दौरान यूट्रस से बाहर निकल जाते हैं।
PunjabKesari

यूट्रस में रसौली का संकेत हो सकते हैं बड़े थक्के

हर बार ज्यादा बड़े थक्के दिख रहे हैं तो ये स्थिति नॉर्मल नहीं है क्योंकि यह बड़े या दर्दनाक थक्के गर्भाशय फाइब्रॉएड, एडेनोमायसिस या एंडोमेट्रियोसिस जैसी हैल्थ प्रॉब्लम का संकेत भी हो सकते हैं। अगर आपको बहुत बड़े खून के थक्के दिखाई दें या हर बार ऐसा हो, तो यह सामान्य नहीं है। कुछ कारण जिनकी वजह से ऐसा हो सकता है:
गर्भाशय फाइब्रॉएड – गर्भाशय में गांठें बनने से रक्तस्राव अधिक हो सकता है।
एडेनोमायसिस – जब गर्भाशय की परत उसकी मांसपेशियों में बढ़ने लगती है।
एंडोमेट्रियोसिस – जब गर्भाशय की अंदरूनी परत शरीर के दूसरे हिस्सों में बनने लगती है।

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर आपके पीरियड्स में बार-बार बड़े खून के थक्के आ रहे हैं।
अगर पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।
अगर खून का बहाव सामान्य से अधिक है।

पीरियड्स में खून के थक्के आने का इलाज कैसे किया जाता है?

अगर पीरियड्स में खून के थक्के ज्यादा आ रहे हैं तो इसका इलाज हैवी ब्लीडिंग को कम करने पर केंद्रित होता है। इलाज के लिए दवाइयों से लेकर सर्जरी तक कई तरीके अपनाए जाते हैं। 

हार्मोनल थैरेपी

बर्थ कंट्रोल पिल्स – ये यूटेरस की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) की ग्रोथ को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
इंट्रायूटेरिन डिवाइस (IUD) – यह हार्मोन रिलीज करने वाला एक छोटा उपकरण है, जो गर्भाशय में लगाया जाता है और ब्लीडिंग को कम करता है।
अन्य दवाइयां – कुछ दवाइयाँ ब्लीडिंग को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, जिनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से किया जाता है।

सर्जरी (जब दवाइयों से फायदा न हो)

Dilation and Curettage (D & C) – यह प्रक्रिया आमतौर पर मिसकैरिज के बाद की जाती है, लेकिन ज्यादा ब्लीडिंग और खून के थक्कों को रोकने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।
मायोमेक्टॉमी – अगर फाइब्रॉइड (गर्भाशय में गांठ) की वजह से खून के थक्के बन रहे हैं, तो इस सर्जरी से उन्हें हटाया जाता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – अगर फाइब्रॉइड छोटे होते हैं, तो यह कम इनवेसिव प्रक्रिया की जाती है।
हिस्टेरेक्टॉमी – अगर कोई और उपाय काम न करे और समस्या गंभीर हो, तो हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय को निकालना) किया जा सकता है।

क्या करें अगर आपको बार-बार खून के थक्के आ रहे हैं?

ज्यादा ब्लीडिंग या बड़े खून के थक्के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
खुद से कोई दवा न लें, पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनाकर हार्मोन बैलेंस बनाए रखें।
अगर सही समय पर इलाज किया जाए, तो इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। 😊

नोटः अगर आपको ऐसा कोई लक्षण दिखे, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर इलाज से समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static