त्वचा  पर नहीं दिखेगा बढ़ती उम्र का असर, डाइट में शामिल करें ये 5 Nutritions

punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2023 - 06:04 PM (IST)

बढ़ती उम्र का असर सबसे पहले त्वचा पर ही दिखता है। ऐसे में हर महिला चाहती है कि बढ़ती उम्र के साथ उसके चेहरे पर कोई असर न दिखे और त्वचा एकदम ग्लोइंग रहे। ऐसे में अपनी डाइट का ध्यान रखना जरुरी होता है। अच्छा लाइफस्टाइल और हैल्दी डाइट फॉलो करके आप अपना ध्यान रख सकती हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ग्लोइंग स्किन के चक्कर में आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर दें। ऐसे में आज आपको कुछ डाइटिशियन गरिमा के कुछ ऐसे न्यूट्रिएंट्स बताएंगे जो चेहरे की झुर्रियां, दिल संबंधी बीमारियां, गठिया और  डायबिटीज भी कंट्रोल करेंगे। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में....

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एंटीऑक्सीडेंट्स 

बढ़ती उम्र में एंटीऑक्सीडेंट्स आपके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है। ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण बॉडी के सेल्स खराब हो सकते हैं जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पुरानी बीमारियां बढ़ सकती हैं। संतरे, नींबू, टमाटर, तरबूज, ब्रोकली, गाजर, रंगीन फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में आप रोज अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट युक्त फल और सब्जियां डाइट में शामिल जरुर करें। 

प्रोटीन 

उम्र बढ़ने के साथ-साथ मांसपेशियों को भी नुकसान होता है। ऐसे में जरुरी है कि आप प्रोटीन अपनी डाइट में शामिल करें। दालें, सेम फलियां, सोया, मछली, पोल्ट्री और प्लांट्स बेस्ड फूड्स के जरिए आप प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं। 

ओमेगा-3 फैट एसिड फूड्स 

जरुरी नहीं कि सारे फैट्स वाले फूड्स खराब हो कुछ उम्र के साथ आपकी सेहत के लिए जरुरी होते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड एक ऐसा पोषक तत्व है जो आपको हार्ट फैलियर, गठिया जैसी स्थितियों से बचाता है। इसके अलावा हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार, अलजाइमर और पॉर्किनसन के रोगियों में भी इस फूड का सेवन करने के फायदे बताए गए हैं। नट, बीज और फैटी मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी स्त्रोत मानी जाती हैं। 

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कैल्शियम और विटामिन-डी 

उम्र बढ़ने के कारण हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं जिसके कारण फ्रैक्चर, दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं। ऐसे में आप कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। विटामिन-डी आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी जरुरी है। दूध, दही, तिल और पालक जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं। वहीं फोर्टिफाइड दूध, अंड और सी-फूड विटामिन-डी के काफी अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं। 

फाइबर 

40-50 की उम्र में पाचन संबंधी समस्याएं बहुत जल्दी शरीर को घेरती हैं जिसमें मुख्य रुप से कब्ज है ऐसे में आप कुछ फल, सब्जियां, अनाज और दालों के जरिए पर्याप्त मात्रा में फाइबर ले सकते हैं। 25-30 ग्रााम फाइबर आपकी बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा फाइबर को डाइट में शामिल करने से डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी और शुगर स्पाइक्स को रोकने में भी मदद मिलती है। फाइबर खाने से आप कई और भी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। 

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एजिंग के प्रभावों को कम करने के लिए कोई एजिंग मंत्र नहीं बल्कि एक अच्छा लाइफस्टाइल है जिसे आपको शुरु से ही अपनाना चाहिए। अच्छी और हैल्दी डाइट को फॉलो करके आप कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स से दूर रहकर एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। 

(डाइटिशियन गरिमा)


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palak

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