Father'day Spl: हाथ पकड़ जिसने चलना सिखाया आज उन्हें समझने की बारी हमारी

punjabkesari.in Sunday, Jun 21, 2020 - 10:44 AM (IST)

पिता, पापा, डैड सभी एक ही शख्स को पुकारने वाले शब्द हैं। यह नाम सुनते ही किसी को भी इसकी पहचान करवाने की जरूरत नहीं पड़ती। छोटा बच्चा भी जब बोलना शुरु करता है तो उसके मुंह से निकलने वाला पहला शब्द मां या फिर पिता का ही होता है। भले पिता हमें कभी मां की तरह लाड नहीं करते, हमारी हर एक गलती पर हमें डांटते हैं, समझाते हैं, मगर उनके मन में हमारे लिए मां जितना ही प्यार भरा होता है। हमारी थोड़ी सी तकलीफ को भी वह सहन नहीं कर पाते।

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बेटी के सबसे करीब 

अक्सर सुना है कि बेटियां पिता की बहुत लाडली होती हैं। एक बेटी जब घर से विदा होती है तो सबसे ज्यादा दिल पिता का उदास होता है। बेटी के बगैर घर को अनुभव कर पाना एक पिता के लिए सच में बहुत मुश्किल बात है। जब कभी बेटी ससुराल से मायके रहने आती है तो सबसे ज्यादा खुशी एक पिता ही अनुभव करता है। मगर संसार के यह रीति रिवाज एक पिता को निभाने ही पड़ते हैं, दिल पर पत्थर रखकर एक बेटी को विदा तो करना ही पड़ता है।

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बेटे से नोक-झोक में छिपा प्यार

बेटे जब जवान हो जाते हैं, तो अक्सर पिता के साथ उनकी हल्की-फुल्की नोक झोक होती रहती है। आज के इस बदलते दौर में ऐसे बहुत से कम परिवार हैं, जहां बच्चे आज भी माता-पिता को भगवान का दर्जा देते हैं। बेटे और पिता के बीच नोक-झोक होना आम बात है, असल में पिता अपने अनुभव के तौर पर बेटे को उस हर परेशानी से बचाना चाहता है, जिसे कभी उसने खुद महसूस किया था। कुछ पिता ऐसे भी होते हैं, जो बच्चों को गलतियां करने देते हैं, ताकि बच्चे अपनी गलतियों से खुद सीखें, क्योंकि जो सीख हमें हमारी गलती से मिलती है, उसे दुनिया की कोई किताब नहीं समझा सकती, यहां तक कि पिता की राय भी हमें कभी कभार कड़वी प्रतीत होने लगती है।

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समझने की बारी अब हमारी

आज के इस दौर में बच्चे अपना हर दुख-सुख परेशानी अपने दोस्त या फिर किसी खास के साथ ही शेयर करना चाहते हैं। मगर यह दोस्त एक न एक दिन आपसे दूर चले जाते हैं, फिर आपके पास अपने मन की बात करने वाला कोई नहीं रह जाता। ऐसे में याद आते हैं पिता। बड़ों-बड़ों का अनुभव कहता है कि जिस इंसान ने अपने पिता को अपना दोस्त बना लिया, वह इंसान कभी भी अपने जीवन में दुख नहीं झेलता, क्योंकि हर परेशानी आने से पहले उससे बचने का रास्ता दिखाने के लिए आपके पास पिता होते हैं। अगर कोई परेशानी आ भी जाए, तो उनका कंधे पर रखा एक हाथ आपके अंदर ढेर सारी शक्ति भर देता है, जिससे आप जीवन में हर संकट का पूरे जोश के साथ सामना कर लेते हैं।

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ऐेसे में इस फादर्स डे पर अपने पिता की एहमियत पहचानिए, उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत कीजिए। उन्हें समझने की कोशिश करें और इस फादर्स डे पर उनके लिए कुछ खास प्लान करना न भूलें।


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Content Writer

Harpreet

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