पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम बीमारी का हड़कंप, हाथ-पैर सुन्न हो जाते और इम्यूनिटी खत्म
punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2025 - 04:18 PM (IST)
नारी डेस्क: पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। बुधवार (22 जनवरी) को राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पुणे में 35 नए मामले सामने आए हैं, जिससे इस बीमारी से प्रभावित लोगों की कुल संख्या 59 तक पहुंच गई है। इनमें 38 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल हैं।
GBS क्या है?
गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर इन्फेक्शन के बाद होती है। इसमें शरीर की इम्यून सिस्टम नसों पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नपन महसूस होता है। इसके परिणामस्वरूप, प्रभावित व्यक्ति के अंगों में कमजोरी, चलने में परेशानी और यहां तक कि श्वसन संबंधी दिक्कतें भी उत्पन्न हो सकती हैं।
There has been a recent surge in people suffering from Guillain Barre Syndrome (GBS) in Pune, a serious neurological illness.
— Dr Sudhir Kumar MD DM (@hyderabaddoctor) January 22, 2025
What is this illness?
➡️Symptoms of GBS
Acute onset, rapidly progressing weakness of legs and arms; tingling and pain in limbs
Breathing difficulty,… pic.twitter.com/sc2DRKFsRu
पुणे में GBS के बढ़ते मामले
मंगलवार को 24 संदिग्ध मामलों के सामने आने के बाद, पुणे में बुधवार को GBS के 35 नए मामलों की पुष्टि हुई। इन मामलों में से 12 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। अधिकारियों ने कहा कि 30 वर्ष की आयु वर्ग के अधिकांश मरीज इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं।
A concerning outbreak of Guillain-Barré Syndrome (GBS) has been reported in Pune's Sinhagad Road area. Linked to bacterial infections like Campylobacter, often spread via contaminated food or water, GBS is a rare yet treatable neurological condition. It causes symptoms like… pic.twitter.com/uexP36Uk2i
— Dr. Sudhir Mehta (@sudhirmehtapune) January 22, 2025
जांच के लिए आरआरटी गठित
स्वास्थ्य विभाग ने GBS के मामलों में इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी को लेकर तुरंत कार्रवाई की है और एक रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) का गठन किया है। इस टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिक, राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और बीजे मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख शामिल हैं। ये विशेषज्ञ प्रभावित इलाकों में जाकर इस समस्या की जांच कर रहे हैं।
नमूनों की जांच जारी
स्वास्थ्य विभाग ने GBS के मरीजों के मल और खून के नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को भेजे हैं, जबकि प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूने भी जांच के लिए भेजे गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह बीमारी महामारी का रूप नहीं लेगी और न ही यह किसी बड़े स्तर पर फैलने वाली बीमारी बन सकती है।
लक्षण और उपचार
GBS के लक्षणों में मुख्य रूप से मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नपन, और चलने में परेशानी होती है। कुछ मामलों में सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। हालांकि, उपचार के साथ अधिकांश लोग इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। उपचार के लिए आमतौर पर इम्यून थेरेपी और शारीरिक उपचार की आवश्यकता होती है।
Sudden surprising surge of
— Kalyan Ray (@kalyanray30) January 23, 2025
Guillain-Barré syndrome cases in #Pune: Central team to probe rise in
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लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि उन्हें इस बीमारी को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। GBS महामारी का कारण नहीं बनेगा और यदि समय पर उपचार किया जाए तो अधिकांश लोग पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं। विभागीय अधिकारी ने यह भी बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है और निगरानी तेज कर दी गई है।
पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामलों में वृद्धि पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई की है। जहां एक तरफ प्रभावित मरीजों का इलाज चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी महामारी का रूप नहीं लेगी और जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी।