पेनकिलर या स्प्रे से नहीं, गोमुख आसन से दूर करें कमर का दर्द

punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2019 - 01:40 PM (IST)

'गोमुख' शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ गाय की चेहरे के आकार में बैठ कर आसन करने से है। इस आसन में जांघ और पिंडली गाय के चेहरे की समान मुद्रा में होती है। उमर बढ़ने के साथ-साथ हमारी हड्डियां कमजोर होती चली जाती है। अपनी डाइट का ध्यान रखने के साथ-साथ यदि आप 'गोमुख' आसन को रोजाना करेंगे तो आपकी स्पाइन कोड यानि कि रीढ़ की हड्डी को इससे बहुत फायदा मिलेगा। तो चलिए जानते हैं गोमुखासन के पीठ दर्द में और क्या-क्या फायदे होते हैं। 

रीढ़ की हड्डी के दो मुख्य कार्य होते हैं: यह परिधीय तंत्रिका तंत्र के एक बड़े हिस्से को मस्तिष्क से जोड़ता है। मस्तिष्क की तंदरुस्ती के लिए हमारी रीढ़ की हड्डी का स्ट्रांग होना बेहद जरुरी है। उसे स्ट्रांग बनाने को एकमात्र साधन हैं, गोमुख आसन, जिसे अगर आप रोजाना सुबह करेंगे तो आपका मस्तिष्क और स्पाइन कोड दोनों ही फिट एंड स्ट्रांग रहेगी। 

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आसन करने के लाभ

वैसे तो गोमुखासन के बहुत सारे फायदे हैं। जैसे कि इस आसन को करने से महिलाओं को अत्यंत लाभ मिलते हैं। यह गठिया,साइटिका,अपचन,कब्ज,धातु रोग और मधुमेह जैसे रोगों में भी बहुत फायदा करता है। लेकिन सबसे ज्यादा फायदा इस आसन को करने से हमारी रीढ़ की हड्डी को मिलता है। यह रीढ़ को सीधा रखने के साथ साथ इसको मजबूत भी बनाता है। कई बार रीढ़ की हड्डी की दर्द हिप की तरफ भी जाती है। अगर आप hips के दर्द से परेशान हैं तो गोमुख आसन को करने से आपकी उस दर्द में भी काफी लाभ मिलता है। 

गोमुख आसन करने को तरीका

- सबसे पहले दोनों टांगो को सीधा करके, हाथों को जमीन पर रख कर बैठ जाएं।
- उसके बाद अपनी दाहिनी टांग को मोड़कर, बाईं टांग के नीचे से निकाल कर मोड़ें।
- उस टांग को अपनी हिप के नीचे टिका लें।
- अब दूसरी टांग को भी मोड़कर, चौंकड़ी का आकार बना लीजिए।
- अब अपने दाएं हाथ को अपने सिर की तरफ से पीछे की तरफ लेकर जाएं।
- दूसरे हाथ को उसी साइड से नीचे की तरफ से पीछे लेजाकर दूसरे हाथ के साथ जोड़ना है।
- शुरु-शुरु में आप 3 से 4 मिनट तक करें, उसके बाद आप समय की अवधि बढ़ा सकते हैं।
 

गोमुख आसन के अन्य कुछ लाभ

अस्थमा में फायदेमंद

गोमुख आसन फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत उत्तम आसनों में से एक है। यह छाती को पुष्ट बनाता है और फेफड़ों की सफाई करते हुए इसकी क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए अस्थमा से पीड़ित रोगियों को नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।

बाहों की मजबूती के लिए

जिन लोगों की कंप्यूटर पर सारा दिन बैठ कर जॉब होती है, उनकी बाजुएं की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। कई बार बाजुओं में कसाव और थकावट भी फील होती है। इस आसन को करने से  पीठ एवं बांहों की पेशियां मजबूत बनती है।

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बवासीर (Hemorrhoids) 

पीठ और बाजुओं की मजबूती के साथ-साथ पेट की मांसपेशियों को भी गोमुख आसन बेहतरीन रुप से चलाने में मदद करता है। बवासीर जैसी प्रॉब्लम को होने से रोकता है, अगर किसी को बवासीर है भी तो उसे ठीक करने में यह आसन बहुत लाभकारी है।

सर्वाइकल दर्द में आराम

ज्यादातर सर्वाइकल पेन औरतों में पाई जाती है। इस आसन के अभ्यास से आप बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं जैसे कंधा जकड़न, गर्दन में दर्द, तथा सर्वाइकल पेन।

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कमर दर्द 

इसके नियमित अभ्यास से आप कमर दर्द के परेशानियों से राहत पा सकते हैं।

लचीला शरीर

यह आसन करने से शरीर सुड़ोल एवं लचकदार बनता हैं। पैनक्रियाज के अच्छे से वर्क करने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है। 
 


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Content Writer

Anjali Rajput

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