पहले पीरियड के दर्द से परेशान होकर  लड़की ने किया सुसाइड, अपनी बेटी को पहले से ही कर लें तैयार

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 12:41 PM (IST)

अधिकांश लड़कियों को पहली बार मासिक धर्म 10 से 14 साल की उम्र के बीच होता है, जिसके बाद शरीर में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलते हैं। कुछ लड़कियों को पहले मासिक धर्म में इतना दर्द होता है  जिसे वह सहन नहीं कर पाती है। ऐसा ही कुछ एक 14 साल की लड़की के साथ भी हुआ वह पहली बार में इतना घबरा गई कि उसने इससे बचने के लिए खुद को ही खत्म कर दिया। इस खबर ने सभी मां- बाप की चिंता बढ़ा दी है। 

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दर्द नहीं झेल पाई लड़की

यह मामला है मुंबई के मालवणी इलाके का, जहां पीरियड की कम और गलत जानकारी के कारण उस बच्ची ने यह कदम उठाया। पुलिस की मानें तो 26 मार्च की शाम लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, उस समय घर पर कोई नहीं था। जब परिवार वालों की इसकी जानकारी मिली तब तब बहुत देर हो गई थी। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में परिवार वालों ने बताया कि लड़की पहली बार पीरियड आने से बेहद परेशान थी। ज्यादा दर्द होने की वजह से वो मानसिक तनाव में भी थी, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया। 


मानसिक बदलावों से अनजान होती हैं लड़कियां 

पहली बार पीरियड आने के कारण आत्महत्या करने का ये पहला मामला नहीं है। 16 मई 2019 को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 12 साल की एक लड़की ने इसी कारण से आत्महत्या कर ली थी। दरअसल पीरियड्स में होने वाले दर्द और शारीरिक परेशानियों बारे में तो महिलाएं और  लड़कियां जानती हैं लेकिन उससे जुड़े मानसिक बदलावों से वो अनजान रहती हैं। कुछ लड़कियों को पीएमडीडी की समस्या होती है, उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है। ये समस्या कई बार ख़तरनाक स्तर तक भी पहुंच सकती है।

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बच्चियों को दें इन बातों की जानकारी 


पीरियड्स आने से पहले लड़कियों को समझाएं कि यह एक  स्वाभविक जैविक प्रक्रिया है। इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। अगर वह अपने पहले पीरियड को लेकर परेशान है तो  अपने मां, बहन, दोस्त या टीचर से इस बारे में बात जरूर करें जिससे कुछ मदद मिल सकती है। उन्हें यह बात भी बताएं कि  पहले कुछ पीरियड अनियमित हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा  सोचिये मत और  शरीर में जो भी बदलाव हो रहे हैं उन्हें होने दीजिए। अगर जरूरत लगे तो डॉक्टर से भी संपर्क करें। 

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पीरियड्स में मानसिक तनाव से बचने के तरीके

मेडिटेशन या योगासन

मेडिटेशन और योगासन करने से आपका मन शांत होगा और हार्मोन बैलेंस होने में भी मदद मिलेगी।

खुलकर बात करें

इस बात को समझें कि पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है कोई रोग नहीं, इस पर खुलकर बात करें।

खाने पर ध्यान दें

संतुलित पौष्टिक भोजन करें,  साथ ही एल्कोहॉल और कैफिन से परहेज भी रखें।

अच्छी नींद लें

अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है, इससे शरीर को आराम और उर्जा के लिए समय मिलता है।

अपना पसंदीदा काम करें

 स्ट्रेस को कम करने के लिए म्यूजिक सुनें या अपने आप को किसी प्रिय काम में व्यस्त रखें।


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Content Writer

vasudha

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