कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को हो रहा यह सिंड्रोम! शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है एंटीबॉडी
punjabkesari.in Monday, Jan 11, 2021 - 10:53 AM (IST)
कोरोना के कहर से अभी तक कोई भी देश बच नहीं पाया है। इसकी चपेट में लोग लगातार आ रहे हैं। वैक्सीन आने के बावजूद इस वायरस का खतरा कम नहीं हो रहा है बल्कि इसके और केस आते जा रहे हैं। हाल ही में लंदन से एक ऐसी खबर आई जिसने सभी को एक बार फिर से चिंता में डाल दिया। दरअसल लंदन के मेयर ने वायरस को आपदा घोषित कर चेतावनी दे दी है। चाहे इस वायरस से ठीक होने वालों की गिनती ज्यादा है लेकिन इस वायरस ने आज लोगों की नाक में दम कर दिया है। लेकिन कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने एक बार फिस से सब को चिंता में डाल दिया है।
कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में नजर आ रहा जीबी सिंड्रोम
इस बात में कोई शक नहीं है कि चाहे लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं लेकिन वह पूरी तरह से इस वायरस से ठीक नहीं हो पा रहे हैं। किसी को बार बार थकान की शिकायत आ रही है तो किसी में अन्य बीमारी देखी जा रही है। हाल ही में एक अनोखा ही मामला सामने आया है जहां मरीजों में एक ऐसा सिंड्रोम देखा जा रहा है जिससे एंटीबॉडी शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है।
क्या है जीबी सिंड्रोम?
हम जिस सिंड्रोम की बात कर रहे हैं इसमें मरीज में एंटीबॉडी शरीर के खिलाफ ही काम करने लगती है। इतना ही नहीं इससे बहुत सारे प्रभाव भी देखने को मिलते हैं जैसे कि बीमारी से मरीज के गर्दन के नीचे का हिस्सा कुछ दिन के लिए लकवाग्रस्त हो जाता है।
कोरोना से ठीक तो हुए लेकिन...
बहुत से ऐसे मरीज हैं जो कोरोना से ठीक होकर घर वापिस लौट रहे हैं लेकिन चिंता अभी खत्म नहीं हुई है बल्कि इस वायरस से ठीक हो चुके मरीजों में सांस फूलने की तकलीफ तो आम देखी जा रही है साथ ही उनमें जीबी सिंड्रोम के लक्षण भी मिले हैं।
क्यों खतरनाक है जीबी सिंड्रोम?
हमारा शरीर हमें बीमारियों से बचाने के लिए उस बीमारी के खिलाफ काम करता है लेकिन जीबी सिंड्रोम में जो एंटीबॉडी होते हैं वह आपके शरीर में को वायरस से बचाते हैं लेकिन इस सिंड्रोम के कारण यह एंटीबॉडी आपके शरीर के खिलाफ ही काम करने लगता है। डॉक्टर्स की मानें तो देखते ही देखते यह स्थिती इतनी खतरनाक हो जाती है कि जो मरीज इससे पीड़ित होते हैं उसे 2 हफ्ते के अंदर अंदर ही लकवा मार सकता है।
जीबी सिंड्रोम के लक्षण?
1. सांस लेने में तकलीफ होना
2. मांसपेशियों में कमजोरी आने लगना
3. पैरों में झुनझुनी होना या फिर पैर सुन्न होना
4. पैरों और हाथों की मूवमेंट में तकलीफ आना
हालांकि यह बीमारी अक्सर सामने आती है लेकिन कोरोना के बाद बनी एंटी बॉडी से यह बीमारी पहली बार सामने आई है जिसने सभी की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है। आपको यह भी बता दें बीते तीन महीने में भोपाल में जीबी सिंड्रोम के 5 मरीज मिले हैं, जिनमें से 4 स्वस्थ हो गए हैं, जबकि एक अब भी अस्पताल में भर्ती है।