एक डॉक्टर की जिद ने बदला सिस्टम: 8 साल की कानूनी लड़ाई के बाद FSSAI ने ORS शब्द पर लगाई रोक

punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 06:06 PM (IST)

नारी डेस्क : एक हैदराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरांजनी संतोष की लगातार कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बड़ा फैसला लिया है। अब कोई भी फूड या ड्रिंक प्रोडक्ट तब तक ‘ORS’ (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स) शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा, जब तक वह WHO के तय मानकों पर खरा न उतरे।

FSSAI का नया आदेश: ‘ORS’ नाम पर फुल स्टॉप

FSSAI ने 14 अक्टूबर को आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि अब किसी भी ब्रांड को ‘ORS’ शब्द का प्रयोग अपने उत्पादों के नाम में करने की अनुमति नहीं है, जब तक वह WHO द्वारा अनुशंसित फॉर्मूले के अनुसार न बना हो। इसके साथ ही 14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के वे पुराने आदेश भी रद्द कर दिए गए, जिनमें ब्रांड नाम के साथ ORS का प्रयोग कुछ शर्तों के साथ मान्य किया गया था।

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डिस्क्लेमर का नियम अब नहीं चलेगा

पहले कुछ कंपनियों को यह छूट दी गई थी कि वे अपने उत्पादों पर “यह WHO द्वारा अनुशंसित ORS फॉर्मूला नहीं है” जैसे डिस्क्लेमर के साथ ORS शब्द का प्रयोग कर सकती हैं। लेकिन अब ऐसा करना सख्त मनाही है। 15 अक्टूबर को FSSAI ने स्पष्ट किया कि कोई भी फल-आधारित, गैर-कार्बोनेटेड या रेडी-टू-ड्रिंक पेय, जो WHO मानकों के अनुसार न बना हो, उसे ‘ORS’ नहीं कहा जा सकता। FSSAI ने ऐसे नामकरण को “गुमराह करने वाला, भ्रामक, झूठा और उपभोक्ताओं को धोखा देने वाला” करार दिया है, और यह फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत गैरकानूनी है।

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WHO के अनुसार असली ORS

WHO मानक ORS में कुल 245 mOsm/L ऑस्मोलैरिटी होनी चाहिए। प्रति लीटर पानी में इसमें होना चाहिए।

सोडियम क्लोराइड: 2.6 ग्राम

पोटैशियम क्लोराइड: 1.5 ग्राम

सोडियम साइट्रेट: 2.9 ग्राम

डेक्सट्रोज़ (चीनी): 13.5 ग्राम

कंपनियों के झूठे ORS पेय

कई फेमस ब्रांड्स में चीनी की मात्रा लगभग 120 ग्राम प्रति लीटर, यानी WHO मानक से लगभग 9 गुना अधिक होती है। 

इनमें: सोडियम: 1.17 ग्राम

पोटैशियम: 0.79 ग्राम

क्लोराइड: 1.47 ग्राम

इस तरह के पेय बच्चों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

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डॉक्टर की जिद ने बदला सिस्टम

डॉ. शिवरांजनी ने लगभग 8 साल पहले इस झूठी मार्केटिंग के खिलाफ आवाज़ उठाई। 2022 में उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें नकली ORS उत्पादों की बिक्री को चुनौती दी गई।

डॉ. शिवरांजनी ने कहा: “यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है, यह लोगों की ताकत की जीत है। मैंने कभी हार नहीं मानी, और आज सिस्टम ने हमारी आवाज़ सुनी। यह 8 साल की जंग थी, जिसमें PIL और सिस्टम की चुप्पी से लड़ना शामिल था।”
 


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Content Editor

Monika

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