30 की उम्र के बाद घुटने दे रहे हैं जवाब, तो डॉक्टर की बात मान कर शुरू कर दें ये काम

punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 11:08 AM (IST)

नारी डेस्क: 30 की उम्र पार करने के बाद आपको रोज़मर्रा के कामों के दौरान अपने घुटनों में थोड़ा बदलाव महसूस हो सकता है। सीढ़ियां चढ़ना, ज़मीन पर बैठना  यहां तक कि हल्की-फुल्की सैर भी पहले से ज़्यादा भारी लग सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र के साथ जोड़ धीरे-धीरे शारीरिक तनाव के प्रति ज़्यादा संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे अकड़न, बेचैनी या हल्की सूजन हो सकती है। जोड़ों का स्वास्थ्य आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में आराम, लचीलापन और स्वतंत्रता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है


यह भी पढ़ें: IED से उड़ाया दिल्ली में ब्लास्ट करने वाले आतंकी डॉक्टर का घर


 जोड़ों की देखभाल जरूरी

डॉक्टरों का कहना है कि दर्द के लगातार समस्या बनने का इंतज़ार करने के बजाय, अपने जोड़ों की देखभाल जल्दी शुरू करना ज़रूरी है। नियमित गतिविधि, संतुलित भोजन और सोच-समझकर लिए गए सप्लीमेंट आपके घुटनों को सहारा देने वाले ऊतकों को सहारा दे सकते हैं। इसे निरंतर देखभाल के रूप में देखें, जो आपको काम पर और हल्के व्यायाम के दौरान सक्रिय रहने में मदद करता है, बिना रोज़मर्रा की परेशानी के।


 मुख्य सप्लीमेंट्स और उनका काम

हड्डियों की मजबूती के लिए सबसे अहम मिनरल कैल्शियम (Calcium) है। घुटने को सहारा देने वाली हड्डियां यदि कमजोर होंगी, तो घुटना दर्द या समस्या की आशंका बढ़ जाती है। कैल्शियम के साथ अक्सर विटामिन D3 भी ज़रूरी है ताकि शरीर उस कैल्शियम को अच्छी तरह से अवशोषित कर सके।  ध्यान दें सिर्फ सप्लीमेंट लेना ही काफी नहीं- आहार में भी कैल्शियम‑युक्त खाद्य पदार्थ (दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां) शामिल होना चाहिए।  ओमेगा‑3 फैटी ऐसिड्स (Omega‑3 Fatty Acids, खासकर EPA/DHA)  मुख्य रूप से मछली के तेल, अल्गी‑आधारित सप्लीमेंट या फ्लैक्ससीड/अखरोट आदि में मिलते हैं ये फैटी ऐसिड्स सूजन (inflammation) को कम करने में मदद करते हैं, जो कि घुटने के जोड़ों में दर्द या जकड़न का एक बड़ा कारण हो सकती है। ओमेगा‑3 का उपयोग होने से जोड़ों में सुबह की जकड़न कम हो सकती है और चलने‑फिरने में सहजता आ सकती है।


यह भी पढ़ें: पकड़ा गया बीमार धर्मेंद्र का प्राइवेट वीडियो लीक करने वाला


 कैसे करें सेवन 

सप्लीमेंट शुरू करने से पहले अपने ऑर्थोपीडिक डॉक्टर या नेफिशियन (osteoporosis/जॉइंट स्पेशलिस्ट) से सलाह लें। अगर आप कैल्शियम का सप्लीमेंट ले रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि विटामिन D3 भी पर्याप्त मात्रा में हो ताकि अवशोषण ठीक हो सके। अतिरिक्त कैल्शियम लेने से हाइपरकैल्सेमिया (बहुत अधिक कैल्शियम) जैसी समस्याएं हो सकती हैं—इसलिए लंबी अवधि में यह डॉक्टर‑सुपरवाइज्ड होना चाहिए। ओमेगा‑3 सप्लीमेंट लेते समय स्रोत देखें (मछली तेल/अल्गी तेल) और EPA + DHA की मात्रा जानें। अगर आप ब्लड थिनर ले रहे हैं या किसी हार्ट‑कंडीशन के लिए मेडिसिन ले रहे हैं, तो पहले पूछें क्योंकि ओमेगा‑3 रक्त को पतला कर सकते हैं। सप्लीमेंट अकेले नहीं काम करता- साथ में: नियमित हल्की‑मध्यम एक्सरसाइज (जैसे घुटने को मोड़ना‑सीधा करना, वॉकिंग, स्ट्रेचिंग) करें। वजन नियंत्रित रखें  क्योंकि अधिक वजन घुटनों पर दबाव बढ़ाता है। संतुलित आहार लें - कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन, फल‑सब्जियों आदि से भरपूर।
अगर कोई नया दर्द, सूजन, चलने‑फिरने में समस्या आए  तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, सप्लीमेंट पर भरोसा न करके।


ध्यान देने योग्य बातें

प्लीमेंट्स सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होते- उदाहरण के लिए गुर्दे के रोग, कुछ हार्मोनल विकार, दवाइयां ले रहे हों तो इनके उपयोग से पहले चेक‑अप जरूरी है। शोध हमेशा स्पष्ट नहीं है कि सप्लीमेंट्स घुटने के जोड़ (जैसे ‑ Osteoarthritis) में कितना फायदा पहुंचाते हैं कुछ अध्ययन ने असर दिखाए हैं, लेकिन पूर्ण प्रमाण नहीं है।सप्लीमेंट को “फिटनेस का शॉर्टकट” न समझें—जीवनशैली, आहार व एक्सरसाइज की भूमिका बहुत बड़ी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

static