पहली बार बनी है मां तो आपके मासूम की केयर में काम आएंगे ये टिप्स

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 03:09 PM (IST)

नवजात शिशु बहुत ही नाजुक व कोमल होता है। ऐसे में उसकी देखभाल करने में बहुत ही सावधानी रखनी पड़ती है। थोड़ी सी भी लापरवाही से शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए हर मां को चाहिए कि वह अपने शिशु के स्वास्थ्य को लेकर अलर्ट रहें और उसकी कुछ खास तरीके से केयर करें। नवजात की प्रॉपर केयर के लिए किसी शिशु रोग विशेषज्ञ की भी सलाह ले सकती है। महिलाओं को गर्भावस्था को दौरान शिशु का जितना ख्याल रखना चाहिए उससे कई गुणा ज्यादा मां बनने के बाद करना होता है। उन्हें शिशु की देखभाल से संबंधित हर छोटी- बड़ी बात का खास ध्यान रखना चाहिए हैं। मगर बहुत सी महिलाएं खासतौर पर जो पहली बार मां बनने वाली होती है, शिशु की केयर के लिए जरूरी बातों नहीं जानती। तो चलिए हम आपको शिशु की प्रॉपर केयर के जुड़े कुछ खास टिप्स बताते हैं। इन टिप्स को फॉलो कर आप अपने नवजात शिशु की अच्छे से देखभाल कर पाएंगी। 

ऐसे करें मसाज

मसाज करने से नवजात के शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, शिशु रिलैक्स फील करता है। उसे अच्छी और गहरी नींद आती है। साथ ही बच्चे की मां के साथ बॉन्डिंग भी बेहतर होती है। मगर शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। इसलिए उसकी मसाज बहुत सावधानी रखनी चाहिए। इसके साथ ही उसकी मालिश हल्के व मुलायम हाथों से ही करें। अगर आपको शिशु की मसाज करनी नहीं आती है तो प्रीनेटल क्लास में या किसी अनुभवी महिला से सीख सकती हैं।

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पर्याप्त नींद है जरूरी

जन्म के बाद बच्चा ज्यादा से ज्यादा समय सोकर ही बीताता है। इससे उसकी ग्रोथ होती है। ऐसे में उसको वो जितना चाहे सोने दें। कभी भी बच्चे को जबरदस्ती उठाने की भूल न करें। इससे उसके विकास में बाधा आ सकती है। दरअसल, बहुत से बच्चे रात की जगह दिन में सोते हैं। इससे मां की जीवनशैली में बदलाव आने लगता है। इसके लिए आप उसे बचपन से ही दिन-रात के बीच अंतर समझाने के लिए दिन के समय में उसके आसपास रोशनी करें। साथ ही थोड़ा- बहुत शोर भी होने दें। मगर रात के समय कमरे में रोशनी कम रखें। साथ ही वातावरण में शांति भरी माहौल रखें। ऐसा करने से उसकी डेली रूटीन में बदलाव आएगा। 

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मानसिक विकास के लिए

शिशु का बेहतर ढंग से मानसिक विकास सिर्फ मां के हाथों से ही हो सकता है। इसलिए मां को शिशु के साथ   बेहतर बॉन्डिंग बनानी चाहिए। इस दौरान मां को शिशु के साथ अच्छी बॉन्डिंग बनाने के लिए उसके साथ बातें और प्यार करना चाहिए। शिशु की जरूरतों को अच्छे से समझना चाहिए। अगर शिशु थका हुआ लगे, तो उसे मीठी-मीठी लोरी सुना कर सुलाएं। इससे मां और बच्चे के बीच इमोशनली अटैचमैंट होगी। साथ ही शिशु मानसिक तौर पर बेहतर तरीके से विकास करेगा। 

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neetu

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