बच्चें को रखना चाहती स्वस्थ तो जान लें Pregnancy के पहले महीने में क्या नहीं करना चाहिए?
punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 12:31 PM (IST)

नारी डेस्क : गर्भावस्था (Pregnancy) का पहला महीना बेहद नाजुक और महत्वपूर्ण समय होता है। इसी दौरान गर्भ में भ्रूण का निर्माण शुरू होता है और उसकी बुनियादी संरचना तैयार होती है। ऐसे में मां को अपनी सेहत और दिनचर्या में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कुछ गलत आदतें या लापरवाहियां गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि 1 महीने की प्रेग्नेंसी में किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
धूम्रपान और शराब से दूरी
गर्भावस्था के पहले महीने में महिला को सबसे ज्यादा ध्यान धूम्रपान और शराब से दूर रहने पर देना चाहिए। सिगरेट या तंबाकू में मौजूद निकोटिन भ्रूण के विकास को रोक सकता है और गर्भ के लिए गंभीर खतरा बन जाता है। वहीं शराब का सेवन करने से गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी होने या बच्चे में जन्मजात दोष जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के इस नाजुक दौर में इन दोनों चीजों से पूरी तरह परहेज करना जरूरी है।
बिना डॉक्टर की सलाह दवा न लेना
गर्भ के शुरुआती चरण में भ्रूण बेहद संवेदनशील होता है। इस समय कोई भी दवा, चाहे वह सामान्य पेनकिलर या एंटीबायोटिक ही क्यों न हो, शिशु के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।
ज्यादा कैफीन से बचें
कई महिलाओं को चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक की आदत होती है, लेकिन गर्भावस्था के पहले महीने में इनका ज्यादा सेवन हानिकारक है। इनमें मौजूद कैफीन भ्रूण के दिल की धड़कन और विकास पर असर डाल सकता है और गर्भपात का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसलिए कैफीन वाली चीजों को सीमित मात्रा में ही लें।
कच्चा या अधपका खाना न खाएं
गर्भावस्था की शुरुआत में कच्चा मांस, आधा पका अंडा, बिना धोए फल-सब्जियां या अधपका खाना खाने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमण मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए हमेशा अच्छी तरह पकाकर और साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए भोजन करना चाहिए।
भारी काम और ज्यादा मेहनत न करें
गर्भावस्था के पहले महीने में महिला के शरीर को आराम की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। इस समय बहुत भारी सामान उठाना, लंबे समय तक खड़े रहना या ज़्यादा शारीरिक मेहनत करना गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए शुरुआत के दिनों में केवल हल्के-फुल्के काम ही करें और पर्याप्त आराम लेकर शरीर को सुरक्षित रखें।
तनाव और नींद की कमी
गर्भावस्था के दौरान मानसिक शांति उतनी ही जरूरी है जितनी शारीरिक सेहत। पहले महीने में अधिक तनाव लेने से हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है। इसी तरह पर्याप्त नींद न लेने से शरीर थकान से भर जाता है, जिससे गर्भधारण की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
केमिकल और रेडिएशन से दूरी
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में भ्रूण बेहद संवेदनशील होता है, इसलिए किसी भी तरह के हानिकारक केमिकल और रेडिएशन से बचना जरूरी है। हेयर डाई, पेंट, कीटनाशक या अन्य रसायनों का इस्तेमाल इस समय सुरक्षित नहीं होता, क्योंकि इनके संपर्क में आने से मां और शिशु दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी तरह एक्स-रे या अन्य रेडिएशन भी भ्रूण के विकास को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए पहले महीने में इन सभी चीजों से जितना हो सके दूरी बनाए रखें।
लंबी और झटकेदार यात्रा से बचें
गर्भावस्था के पहले महीने में भ्रूण अभी गर्भाशय में पूरी तरह से सुरक्षित स्थिति में नहीं होता। ऐसे समय लंबी या झटकेदार यात्रा करने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए शुरुआत के महीनों में महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वे लंबी दूरी की यात्रा न करें। अगर यात्रा करना बहुत आवश्यक हो तो हमेशा आरामदायक और सुरक्षित साधन चुनें, बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें और जितना संभव हो झटकों से बचें।
फास्ट फूड और जंक फूड से दूरी
पैकेट वाले, तैलीय और ज्यादा मसालेदार खाने से शरीर में एसिडिटी, उल्टी और गैस की समस्या बढ़ सकती है। इनमें पोषण की कमी होती है, जिससे भ्रूण के विकास के लिए जरूरी विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति नहीं हो पाती। इसलिए प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही संतुलित और पोषक आहार लेना बेहतर है।
गर्भावस्था का पहला महीना आने वाले नौ महीनों की नींव रखता है। इस समय महिला को अपनी हर आदत में सावधानी बरतनी चाहिए। धूम्रपान, शराब, तनाव, अधपका भोजन, ज्यादा कैफीन, भारी काम और लंबी यात्रा जैसी चीजों से दूरी बनाकर ही स्वस्थ गर्भ और सुरक्षित डिलीवरी की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं।