अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर का तालिबानियों को खुला चैलेंज, 'घर बैठी हूं आएं और मुझे मार डालें'

punjabkesari.in Tuesday, Aug 17, 2021 - 11:01 AM (IST)

अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जा करते ही वहां के स्थानीय लोग देश छोड़ कर भागने पर मजबूर हो गए है। अफगानिस्तान की महिलाओं पर तालीबान की नज़र है जिसके चलते वहां की महिलाएं खुद को लेकर काफी चिंतित है, इसलिए वह देश छोड़ कर भाग रहे हैं।  
 

अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर का कट्टरपंथियों को खुला चैलेंज
अफगानिस्तान में महिलाओं को अपनी आबरू और जान का किस कदर खौफ है यह वहां की एक मेयर के बयान से देखने को मिला। अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी तालिबान द्वारा कब्जे के बाद वहां के हालात को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं। अब जरीफा ने तालिबान को खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं इंतजार कर रही हूं कि तालिबान आएं और मुझे व मेरे जैसे अन्य लोगों को मार डालें। बता दें कि जरीफा ने यह बात एक न्यूज वेबसाइट के साथ बातचीत में कही है। 

PunjabKesari

आखिर मैं जाऊं भी तो कहां?

वेबसाइट के अनुसार, जरीफा ने कहा कि वह अपने अपार्टमेंट के कमरे में बैठी हैं और तालिबान का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेरी या मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं अपने परिवार और पति के साथ बैठी हूं। वह मुझे और मेरे जैसे लोगों को मार डालेंगे, लेकिन मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं। आखिर मैं जाऊं भी तो कहां?

अफगान के राष्ट्रपति समेत तमाम वरिष्ठ नेता देश छोड़कर भागे
बता दें कि अफगान में तालिबान का कब्जा करते ही हालात खराब होने लगे है जिसके बाद से ही यहां पर तमाम वरिष्ठ नेता देश छोड़कर अन्य जगहों पर भाग रहे हैं। यहां तक कि खुद अफगान राष्ट्रपति देश छोड़कर जा चुके हैं। 

PunjabKesari

कौन है मेयर जरीफा गफारी?
 27 साल की मेयर जरीफा गफारी साल 2018 में अफगानिस्तान के मैदान वारदक प्रांत से सबसे युवा और पहली महिला मेयर चुनी गई थीं। तालिबान के फिर से उभार के बीच जरीफा गफारी को रक्षा मंत्रालय में जिम्मेदारी दी थी। उनके ऊपर हमलों में घायल हुए सिपाहियों और आम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी थी। 

मेयर जरीफा गफारी के पिता की भी कर दी थी हत्या
तीन हफ्ते पहले गफारी ने कहा था कि युवा लोगों को पता है कि क्या हो रहा है। उनके पास सोशल मीडिया है और वो आपस में बातचीत करते हैं। मुझे उम्मीद है कि वो लोग प्रगति और अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे। गौरतलब है कि तालिबान महिला नेताओं को जान से मारने की बातें करता रहता है। इतना ही नहीं गफारी के पिता की भी पिछले साल 15 नवंबर को हत्या कर दी गई थी।

PunjabKesari

अब अफगानियों को तालिबान के शासन में रहना होगा
अफगान सांसद फरजाना कोचाई ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि तालिबान काबुल पर इतनी जल्दी कब्जा कर लेगा। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में परिवार सुरक्षा के लिए काबुल भाग आए थे। लेकिन अब वे गलियों और पार्कों में रहने को विवश हैं। अब तालिबान के सत्ता में आने के बाद इन परिवारों को अपने घर लौटना होगा और तालिबान के शासन में रहना होगा।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News

static