Radhika Murder Case: राधिका की मौत से पहले गांव से आया था ‘जहर भरा मैसेज’, पढ़कर टूट गया था दीपक
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 11:27 AM (IST)

नारी डेस्क: हरियाणा के गुरुग्राम में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे समाज को झकझोर दिया है। जूनियर इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर राधिका यादव की उसके ही पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या का कारण कोई मामूली घरेलू विवाद नहीं, बल्कि गांव वालों की बातें और झूठी मर्दानगी का बोझ था, जिसे दीपक सह नहीं सका।
"बेटी की कमाई खा रहा है!" यही ताना बना हत्या की वजह
जानकारी के मुताबिक, दीपक यादव हरियाणा के वजीराबाद गांव से हैं, जबकि उनका परिवार गुरुग्राम के सुशांत लोक में रहता था। दीपक गांव से रोज दूध लेकर शहर आता था। लेकिन गांव में कुछ लोग उसे ताना मारते थे कि वो अपनी बेटी राधिका की कमाई पर पल रहा है। ये बातें दीपक को अंदर ही अंदर तोड़ रही थीं।
एक महिला ने बताया कि हत्या से एक दिन पहले दीपक को गांव के ही किसी शख्स का एक मैसेज मिला, जिसमें राधिका से जुड़ी बातें लिखी थीं। इन बातों ने दीपक को और तनाव में डाल दिया। अगले ही दिन उसने राधिका को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से तीन गोलियां मारकर उसकी जान ले ली। उस वक्त राधिका अपने पिता के लिए खाना बना रही थी।
CCTV फुटेज और दूध लेने की कहानी
पुलिस जांच में उस दिन का एक CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें राधिका का भाई धीरज यादव दिखाई देता है। घटना के कुछ समय पहले ही दीपक ने धीरज को गांव से दूध लाने भेजा था। फुटेज में वह दूध लेकर लौटता नजर आता है। इस दौरान वह किसी से न मिला और न ही किसी से बात की।
अब तक 35 लोगों से पूछताछ, लेकिन कोई खुलासा नहीं
पुलिस इस मामले में अब तक 35 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। FIR में यह बात सामने आई है कि दीपक पर गांव वालों की तरफ से लगातार ताना मारा जा रहा था कि वह "बेटी की कमाई खा रहा है।" हालांकि गांव के लोग इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा हो।
गांव के लोग हैरान, कुछ ने दीपक का समर्थन किया
वजीराबाद गांव में अब इस घटना की चर्चा हर गली में हो रही है। कुछ लोग यह विश्वास ही नहीं कर पा रहे कि दीपक अपनी ही बेटी का कातिल बन सकता है। गांव के एक बुजुर्ग सतीश ने कहा, "दीपक एक अच्छा आदमी था और अपनी बेटी की पढ़ाई और खेलों में काफी पैसा खर्च करता था।"
हालांकि, कुछ लोग इस घटना से बेहद आहत हैं और इसे समाज की झूठी इज्जत और मर्दानगी की सोच का नतीजा मान रहे हैं।
बेटी के हाथों बना खाना खाकर नहीं, उसे मारकर बर्बाद कर दिया सपना
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक पूरे समाज के बीमार सोच का नतीजा है। जब किसी पिता को लोग ताने देकर इस कदर मानसिक दबाव में ला सकते हैं कि वो अपनी ही होनहार, मेहनती बेटी को मार दे, तो यह सोचने का वक्त है कि गलती किसकी है व्यक्ति की या पूरे समाज की?