देश में सबसे जहरीला AQI दर्ज! दिल्ली के बाद इन शहरों में सांस लेना हुआ मुश्किल
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 01:16 PM (IST)
नारी डेस्क : दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, राजधानी और आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता अगले छह दिनों तक ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहेगी। यानी आने वाले दिनों में भी दिल्लीवासियों को प्रदूषण से राहत नहीं मिलने वाली है।
भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
हाल के आंकड़े डराने वाले हैं। भारत में वर्तमान में 5 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर और उनका AQI इस प्रकार है।
फरीदाबाद – 624 (सबसे ज्यादा)
गाजियाबाद – 617
रोहतक – 587
नोएडा – 560
कैराना – 542
#WATCH | Delhi: Visuals from the area around Akshardham this morning as a layer of toxic smog blankets the city.
— ANI (@ANI) November 21, 2025
AQI (Air Quality Index) around the area is 416, categorised as 'Severe', as claimed by CPCB (Central Pollution Control Board). pic.twitter.com/r31J75X1AC
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, AQI
0–50 = अच्छा
51–100 = संतोषजनक
101–200 = मध्यम
201–300 = खराब
301–400 = बेहद खराब
401–500 = गंभीर
इस हिसाब से फरीदाबाद, गाजियाबाद, रोहतक, नोएडा और कैराना में AQI ‘गंभीर’ श्रेणी पार कर चुका है, और हवा लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।
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दिल्ली में हालात बदतर
दिल्ली में प्रदूषण लोगों को बीमार कर रहा है। कई लोग सांस लेने में तकलीफ का सामना कर रहे हैं। राजधानी के 15 से अधिक निगरानी केंद्रों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया। शुक्रवार सुबह दिल्ली का औसत AQI 373 था, जो लगातार सातवें दिन ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहा।
AQI 400 के ऊपर दर्ज इलाकों में शामिल हैं
वजीरपुर – 442
बवाना – 430
रोहिणी – 423
आनंद विहार – 416
अशोक विहार – 412
विवेक विहार – 413
चांदनी चौक, नरेला, नेहरू नगर और आरके पुरम
दिल्ली में प्रदूषण लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है।
— Congress (@INCIndia) November 20, 2025
दूसरे राज्यों से आने वाले लोग भी यहां जहरीली हवा की गवाही दे रहे हैं। वे खुद बता रहे हैं कि दिल्ली सांस लेने लायक नहीं बची।
जनता घुट-घुटकर जीने को मजबूर है, लेकिन BJP सरकार को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ रहा।
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प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान
दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों का धुआं है। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़ों के अनुसार।
गुरुवार को कुल प्रदूषण में 17.3% योगदान गाड़ियों के धुएं का था।
शुक्रवार को अनुमानित योगदान 16.2% रह सकता है।
पराली जलाने से गुरुवार को 2.8% और शुक्रवार को अनुमानित 1.8% प्रदूषण हुआ।
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राहत की संभावना
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, अगले छह दिनों तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहेगी। इसका मतलब है कि आम लोगों को निकट भविष्य में प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना कम है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हवा लोगों की जान का दुश्मन बन चुकी है। राजधानी की जहरीली हवा की शिकायत दूसरे राज्यों से आने वाले लोग भी कर रहे हैं। जनता घुट-घुटकर जीने को मजबूर है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

