शारदा सिन्हा के निधन से टूट गया बेटा, भावुक मन से बोला- मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया
punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2024 - 09:33 AM (IST)
नारी डेस्क: ‘बिहार कोकिला' के नाम से प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रही। छठ पर्व के पहले दिन उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार आज पटना में होगा। बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को राज्य की सीमाओं से बाहर भी लोकप्रिय बनाने वालीं शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीतों में ‘‘छठी मैया आई ना दुआरिया'', ‘‘कार्तिक मास इजोरिया'', ‘‘द्वार छेकाई'', ‘‘पटना से'', और ‘‘कोयल बिन'' शामिल थे।
#WATCH दिल्ली: मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2024
उनका अंतिम संस्कार पटना में होगा। https://t.co/N0a6NPZVKL pic.twitter.com/41SW2TH54J
शारदा सिन्हा के छठ पूजा गाए गीत भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। उनका निधन चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन हुआ। किसी भी छठ घाट पर उनके गाये गीतों जरूर बजाये जाते थे। सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया। उन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर' कहा जाता था। वह हर साल छठ पर्व पर एक नया गीत जारी करती थीं। उन्होंने इस साल स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी उन्होंने छठ पर्व के लिए एक गीत जारी किया था।
अपनी मां के निधन पर बेटे अंशुमान ने बेहद भावुक पोस्ट लिखा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे।' उन्होंने कहा- "यह हमारे लिए बहुत दुखद समय है... वह हम सभी के बहुत करीब थीं, उनकी आभा और गायन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था और यह सभी के लिए बहुत दुखद है. मुझे यकीन है कि उनके चाहने वाले भी मेरी तरह ही दुखी होंगे। उनका मातृत्व उनके गीतों के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व में भी स्पष्ट रूप से झलकता था. वह छठ पूजा के पहले दिन हमें छोड़कर चली गईं... वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी..."। इसके साथ ही अंशुमान ने कहा- मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया।
सिन्हा का एम्स अस्पताल में मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) का उपचार किया जा रहा था और स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। एम्स के एक अधिकारी ने बताया- ‘‘शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण ‘रिफ्रैक्टरी शॉक' के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया।'' वह साल 2017 से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं और कुछ महीने पहले ही उनके पति का निधन हो गया था। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीत गाए थे और उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।