"हम मुसीबत में अल्लाह को ही याद करते हैं..." हमले से पहले "अल्लाहु अकबर" चिल्लाने वाले शख्स के पिता की सफाई
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 06:11 PM (IST)

नारी डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले के दौरान "अल्लाहु अकबर" चिल्लाने के आरोपी ज़िपलाइन ऑपरेटर मुजामिल के परिवार ने अपने बेटे का बचाव किया है। मुजामिल के पिता अब्दुल अज़ीज़ के अनुसार, घटना के बाद उनका बेटा डरा हुआ था और रो रहा था।मुजामिल द्वारा "अल्लाहु अकबर" कहते हुए वायरल वीडियो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, "तूफ़ान आने पर भी हम अल्लाहु अकबर कहते हैं। इसमें हमारा क्या दोष है?
मुज़ामिल के पिता ने कहा- उनका बेटा पुलिस के पास है। वह बहुत डरा हुआ था, वह उस समय रोने लगा था। उसने कहा-'मुझे कुछ मत कहना, यहां कुछ हुआ है," । उन्होंने कहा- मुजामिल केवल ज़िपलाइन का काम करता था, वह कोई और काम नहीं करता था। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मुजामिल केवल अपना काम कर रहा था और उसका किसी को नुकसान पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था। इससे पहले आज, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने पहलगाम में ज़िपलाइनिंग का आनंद लेते हुए एक पर्यटक को दिखाते हुए वायरल वीडियो की गहन जांच की मांग की, जहां पर्यटक ने दावा किया कि ज़िपलाइन ऑपरेटर ने "अल्लाहु अकबर" चिल्लाया।
सोशल मीडिया पर गुजरात के पर्यटक ऋषि भट्ट का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे ज़िपलाइनिंग करते हुए दिखाई दे रहे थे, तभी आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। अहमदाबाद में एएनआई से अपने वायरल वीडियो के बारे में बात करते हुए भट्ट ने आरोप लगाया है कि ज़िपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार "अल्लाहु अकबर" चिल्लाया, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि उन्हें कश्मीरी ज़िपलाइन ऑपरेटर पर संदेह था। पर्टटक ने बताया- "मुझसे पहले 9 लोगों ने ज़िपलाइनिंग की, लेकिन ऑपरेटर ने एक शब्द भी नहीं कहा। जब मैं स्लाइड कर रहा था, तो उसने बात की और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इसलिए, मुझे उस आदमी पर संदेह है। भट्ट ने दावा किया कि उसने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' कहा और फिर गोलीबारी शुरू हो गई... वह एक आम कश्मीरी की तरह दिख रहा था।
भट्ट ने घटना को याद करते हुए एएनआई से कहा- "जब मैं ज़िपलाइनिंग कर रहा था, तब गोलीबारी शुरू हो गई... लगभग 20 सेकंड के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यह एक आतंकवादी हमला था... और जमीन पर लोग मारे जा रहे थे।" "मैंने 5-6 लोगों को गोली लगते देखा।" उसके बाद, उसने खुद को ज़िपलाइन से अलग किया और अपने परिवार के साथ भाग गया। " पहलगाम में हमला 22 अप्रैल को बैसरन घास के मैदान में हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कहा है कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों और इसके पीछे के साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा मिलेगी।