Health Tips: सिर्फ ये एक योगासन दूर करेगा दिन भर की थकान
punjabkesari.in Wednesday, Sep 07, 2022 - 10:54 AM (IST)
व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण स्ट्रेस होना स्वभाविक हो गया है। तनाव दूर करने के लिए अपनी दिनचर्या में योग, मेडिटेशन, एक्सरसाइज, व्यायाम आदि जोड़ सकते हैं। योग न सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि आपको तनाव से भी दूर रखता है। आपको एक ऐसे आसन के बारे में बताएंगे जो सिर्फ तनाव ही नहीं कई और समस्याएं भी दूर करेगा। गरुड़ासन यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। गरुड़ जिसका अर्थ है 'चील', आसन का अर्थ है 'मुद्रा।' गरुड़ासन का अर्थ है चील की मुद्रा में आसन। इस आसन को करते दौरान व्यक्ति चील की मुद्रा में आते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं गरुड़ासन करने के फायदे...
गरुड़ासन के फायदे
यह आसन पैर वाले हिस्सों, कंधे, कलाई और बाजु में प्रभाव डालता है। यह कूल्हों को मजबूत बनाने में भी सहायता करता है। इसके अलावा तनाव दूर करने के लिए गरुड़ासन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह एकाग्रता शक्ति में भी सुधार लाता है। यदि आपके अपने शारीरिक संतुलन में सुधार लाना चाहते हैं तो यह आसन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बाजू की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी यह आसन बहुत ही लाभकारी होता है। इसके अलावा गरुड़ासन के फायदे कुछ इस प्रकार के हैं।
मांसपेशियां बनाएं मजबूत
यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं या उनमें किसी भी तरह की समस्या है तो यह आसन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। यह एक तरह की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज होती है जो आपके शरीर को स्ट्रेच करने में सहायता करती है।
स्ट्रेस करे दूर
गरुड़ासन स्ट्रेस दूर करने में भी मदद करता है। इसे करने से आपको मानसिक शांति मिलती है। आपका स्ट्रेस लेवल भी काफी कम हो जाता है।
पीठ को बनाए लचीला
स्ट्रेचिंग करने से आपका शरीर मजबूत बनता है। इससे आपकी बॉडी को स्ट्रेंथ मिलती है। यह आसन आपके शरीर के हर एक हिस्से को स्ट्रेच करने में सहायता करता है। पीठ भी इस आसन को करने से लचीली बनती है।
शरीर का बनाएं संतुलन
गरुड़ासन करने के दौरान आपको अपने शरीर को नियंत्रित करना पड़ता है। जिसकी सहायता से आपके शरीर को बैलेंस करने में सहायता मिलती है। शुरुआत में इस आसन को करते आपको समस्या हो सकती है। लेकिन बाद में इसकी आदत बनने पर आपका शरीर एकदम फुर्तीला हो जाएगा।
कैसे करें यह आसन?
. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
. फिर ऊपर की ओर सांस लेते हुए अपने घुटनों को मोड़ लें। दोनों हाथों को सामने की ओर ले आएं।
. पूरे शरीर का बैलेंस दाएं पैर पर बना लें और दाएं पैर को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद बाएं पैर को अपनी दाई टांग की ओर घूमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
. इसके बाद दोनों बाजुओं को कोहनी की ओर से मोड़ते हुए आपस में क्रॉस कर लें।
. अब बाई बाजू को दाई बाजू के ऊपर रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों को नमस्कार की मुद्रा में ले आएं।
. अपनी क्षमता के अनुसार, इसी मुद्रा में बने रहें।
. इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आएं।
. यही प्रक्रिया दूसरी ओर से भी दोहराएं।