कहीं आपके बच्चे को दिल की बीमारी तो नहीं? पसीने से करें पहचान

punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 04:24 PM (IST)

नारी डेस्क: क्या आप जानते हैं कि शिशुओं को असल में ज़्यादा पसीना नहीं आता? वयस्कों के विपरीत, उनके छोटे शरीर तापमान को अलग तरह से नियंत्रित करते हैं क्योंकि उनकी पसीने की ग्रंथियां अभी भी विकसित हो रही होती हैं। इसलिए, अगर आपके शिशु को बार-बार या बहुत ज़्यादा पसीना आता है,  तो यह कभी-कभी दिल की बीमारी (chronic heart disease)  का संकेत भी हो सकता है।


 बच्चे ज़्यादा पसीना क्यों नहीं  आता? 

डॉक्टरों के अनुसार, नवजात और छोटे बच्चों के शरीर में पसीना ग्रंथियां (sweat glands) पूरी तरह विकसित नहीं होतीं। इसलिए वे वयस्कों की तरह बहुत पसीना नहीं बहाते। उनके शरीर का तापमान नियंत्रण (temperature control) सिस्टम अभी छोटा और संवेदनशील होता है। इस वजह से वे सामान्य तौर पर बहुत कम या बिलकुल नहीं पसीना बहाते।


किन बच्चों को आता है ज्यादा पसीना

विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपका बच्चा दूध पीते समय, सोते हुए, या जरा-सा हिलते-डुलते ही बहुत ज़्यादा पसीना बहा रहा है तो यह  दिल की किसी समस्या (जैसे chronic heart disease या congenital heart defect) का संकेत हो सकता है। जिस बच्चे के दिल में कोई जन्मजात दोष (heart defect) होता है, तो दिल को शरीर में खून पंप करने के लिए बहुत ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस अतिरिक्त मेहनत से शरीर की ऊर्जा जल्दी खर्च होती है, बच्चा जल्दी थक जाता है और शरीर तापमान को कम करने के लिए ज़्यादा पसीना बहाने लगता है।


ऐसे लक्षणों पर ध्यान दें:

- बच्चे को दूध पीते समय बहुत पसीना आता है।
-जल्दी थक जाता है या दूध अधूरा छोड़ देता है।
-तेज़ सांस लेता है या साँस फूलती है
-वजन नहीं बढ़ रहाया बहुत कमजोर लग रहा है
-त्वचा या होंठ नीले पड़ने लगते हैं


इस तरह रखें बच्चों का ख्याल

बच्चे को ठंडी जगह पर रखें, बहुत गर्म कपड़े न पहनाएं। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा या घरेलू नुस्खा न दें। अगर डॉक्टर सुझाएं तो इकोकार्डियोग्राम (ECHO) या ECG जांच करवाएं। ध्यान रखें कि  हर बच्चे को थोड़ा-बहुत पसीना आना सामान्य है, लेकिन अगर पसीना बहुत ज़्यादा है तो शरीर किसी अंदरूनी परेशानी का इशारा कर रहा है।”


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vasudha

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