देश सेवा के लिए पिता का विरोध, मां से छिपाई जंग की बात... 5 आतंकी मार कर शहीद हुए Murli Naik पर हर भारतीय को गर्व
punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 02:29 PM (IST)

नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सीमा पार से गोलाबारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले आंध्र प्रदेश के सैनिक मुरली नाइक के पिता ने शुक्रवार को कहा कि उनके बेटे ने उनके विरोध के बावजूद सेना में शामिल हो गया क्योंकि वह देश की सेवा करना चाहता था। उन्होंने कहा कि उनका 23 वर्षीय बेटा कम से कम एक साल के लिए सेना की वर्दी पहनना चाहता था। 2022 में अग्निवीर के रूप में सेना में चुने गए मुरली शुक्रवार तड़के ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शहीद मुरली नायक ने मरते दम तक संघर्ष किया और पांच पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया।
मुंबई के घाटकोपर के कामराज नगर इलाके में अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए मुरली के पिता श्रीराम नाइक ने कहा कि उनके बेटे ने नासिक के देवलाली में सैन्य प्रशिक्षण लिया था। मुरली उनका इकलौता बेटा था। नाइक ने कहा- यद्यपि मुरली को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था, लेकिन उसने अपने माता-पिता को बताया था कि वह पंजाब में तैनात है, ताकि वे मौजूदा भारत-पाक संघर्ष को देखते हुए घबराएं नहीं। उन्होंने कहा- " हमें सुबह 9 बजे यह भयानक खबर मिली जब सेना के अधिकारियों ने हमें फोन किया। मेरी पत्नी टूट गई जब उसने सुना कि यह हमारा मुरली था जो सुबह की गोलीबारी में मारा गया था...कल सुबह 8 बजे, उसने हमें वीडियो कॉल किया था और हमारे बारे में पूछताछ की थी। उसने कहा था कि वह उस दिन आराम करने जा रहा था और अब हमने उसे खो दिया है। मुझे अभी भी इस पर विश्वास नहीं हो रहा है," ।
मुरली ने नासिक के देवलाली में अपना प्रशिक्षण पूरा किया था। उन्हें पहले सिक्किम में तैनात किया गया था और बाद में उन्हें कश्मीर भेज दिया गया था। वह परिवार के लिए मुख्य कमाने वाला था क्योंकि उसके पिता दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं जबकि उसकी मां घरेलू सहायिका है। एक निवासी ने बताया कि परिवार पिछले 32 वर्षों से कामराज नगर में रह रहा है। घाटकोपर के उसी इलाके में रहने वाले श्रीधर नाइक ने मुरली को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जो हमेशा सेना में शामिल होने के लिए जुनूनी था। उन्होंने कहा- "वह सेना में शामिल होना चाहता था लेकिन उसके माता-पिता ने इस कदम का विरोध किया। इसलिए वह चुपचाप भर्ती अभियान में चला गया। चुने जाने के बाद ही उसने अपने माता-पिता को बताया जिन्होंने अनिच्छा से उसके फैसले को स्वीकार कर लिया।"
उनका जन्म घाटकोपर पूर्व के कामगार नगर में हुआ था, जहाँंवह बड़ा हुआ। बाद में वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने पैतृक गांव चला गया। श्रीधर ने कहा -" मुरली के पिता को सुबह उसकी मृत्यु के बारे में एक फोन आया और यह खबर जल्द ही जंगल में आग की तरह फैल गई।" उन्होंने कहा कि मुरली के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा और क्षेत्र के कई लोग भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए वहां पहुंचेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- "देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद मुरली नाइक को मेरी श्रद्धांजलि। मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।" महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें संवेदना व्यक्त की।