अनीता को कंट्रोल करना चाहते थे एजाज, सालों बाद एक्ट्रेस बोली- काश! मैंने उससे प्यार ना किया होता
punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 04:19 PM (IST)
नारी डेस्क: कहते हैं प्यार ताे अंधा हाेता है यह धर्म, जाति, रंग, उम्र कुछ भी नहीं देखता है। पर कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि ये चीजें रिश्तों में दरार भी पैदा कर देती है। टीवी की मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। भले ही अनीता ने एक्टर एजाज खान से धर्म देखकर प्यार नहीं किया था लेकिन अलग- अलग धर्म ही उनके रिश्ते के बीच में आ गया और उन दोनों को अलग होना पड़ा।
अनीता हसनंदानी भले ही अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गई हैं लेकिन पुरानी बातों को वह अभी भी नहीं भुला पाई हैं। सालों बाद उन्होंने एजाज खान के साथ अपने पिछले रिश्ते के बारे में खुलकर बात की। अनीता ने खुलासा किया कि उन्हें इस बात का पछतावा है कि एक्टर की वजह से उन्होंने खुद को बदल दिया था। अब उन्होंने अपने एक्स बॉयफ्रेंड की कई खामियां बताई।
अनीता हसनंदानी ने 'हाउटरफ्लाई' को दिए इंटरव्यू में कहा कि 'एजाज के साथ मेरा बहुत लंबा रिलेशनशिप था। इस रिश्ते के लिए मैं अपनी मां के खिलाफ भी गई थी। क्योंकि हमारा कल्चर एकदम अलग था। वह मुस्लिम थे और मैं हिंदू। मां ने सीधे-सीधे मना नहीं किया था। मगर उनको हमेशा चिंता लगी रहती थी। मैं और एजाज पर्सनली अच्छे थे लेकिन एक-दूसरे के लिए सही नहीं थे और अंत में यही हुआ कि ये चला नहीं और खत्म हो गया।'
अनीता ने यह भी खुलासा किया कि- एजाज खान उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश करते थे। ऐसे में उन्होंने ब्रेकअप करने में ही भलाई समझी। एक्ट्रेस ने कहा- “ किसी ऐसे व्यक्ति के साथ न रहना जरूरी है जो आपको बदलने की कोशिश करता है। सबसे जरूरी बात ये है कि किसी ऐसे व्यक्ति के साथ न रहें जो आपकी असलियत को बदलने की कोशिश कर रहा है. समय-समय पर उनका फोन चेक करते रहें, क्योंकि यह जरूरी है. अगर वह अपना फोन छिपा रहा है, उसे उल्टा रख रहा है, तो कुछ गड़बड़ है बॉस।
एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि उनके लिए ब्रेकअप करना आसान नहीं था। इससे उबरने में उन्हें एक साल से ज्यादा का समय लगा था। उन्होंने कहा- ''कोई आपसे प्यार करने के लिए आपको बदलना चाहता है, यह प्यार नहीं है, लेकिन मुझे तब इसका एहसास नहीं हुआ, क्योंकि मैं प्यार में थी, और मैं उस इंसान के लिए बदलने को तैयार थी जिससे मैं प्यार करती थी। काश मैंने इतना कुछ न बदला होता, और अपने आप में वैसा ही होता”।