ये 5 Signal दिखें तो समझ लें किडनी खतरे में, तुरंत करवाएं जांच
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 03:19 PM (IST)
नारी डेस्क: किडनी हमारे शरीर का वो अहम हिस्सा है जो दिन-रात बिना रुके काम करती रहती है। यह हमारे शरीर से टॉक्सिन्स यानी ज़हरीले पदार्थ निकालती है, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है और मिनरल्स का बैलेंस बनाए रखती है। लेकिन जब किडनी कमजोर पड़ने लगती है या ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर धीरे-धीरे कुछ संकेत देने लगता है। अगर इन संकेतों को अनदेखा कर दिया जाए, तो ये स्थिति धीरे-धीरे किडनी फेलियर तक पहुंच सकती है।
दुनिया भर में बढ़ रही है किडनी डिजीज
दुनिया की लगभग 10% आबादी किसी न किसी किडनी की समस्या से जूझ रही है, और हर साल लाखों लोग इसी बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसके शुरुआती संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए और सही इलाज कराया जाए।

किडनी खराब होने के शुरुआती 5 संकेत
लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना
अगर आप पर्याप्त नींद लेने के बावजूद हमेशा थकान महसूस करते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को ठीक से बाहर नहीं निकाल पा रही। जब खून में ये ज़हरीले पदार्थ बढ़ जाते हैं, तो शरीर सुस्त और कमजोर महसूस करने लगता है।
शरीर में सूजन आना (एडेमा)
किडनी जब शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह तरल पदार्थ पैरों, हाथों और चेहरे पर जमा होने लगता है। अगर सुबह उठने पर आंखों या टखनों में सूजन दिखे, तो इसे नजरअंदाज न करें।
पेशाब में बदलाव (Urine Changes)
किडनी की खराबी का सबसे साफ़ संकेत पेशाब में बदलाव है
पेशाब का रंग गहरा या झागदार हो जाए
बार-बार पेशाब लगना या जलन होना
पेशाब की मात्रा बहुत कम हो जाना
ये सभी संकेत बताते हैं कि आपकी किडनी फ़िल्टरिंग का काम सही से नहीं कर रही।

सांस लेने में दिक्कत (Shortness of Breath)
जब किडनी शरीर से अतिरिक्त तरल नहीं निकाल पाती, तो यह फ्लूइड फेफड़ों में पहुंच जाता है। इससे सांस फूलने लगती है। कई बार लोग इसे दिल या फेफड़ों की बीमारी समझ बैठते हैं, जबकि असली वजह किडनी हो सकती है।
त्वचा का सूखना और खुजली होना
किडनी जब खून से टॉक्सिन्स और मिनरल्स को सही से फिल्टर नहीं कर पाती, तो शरीर में मिनरल असंतुलन हो जाता है। इससे त्वचा रूखी, खुजलीदार और बेजान लगने लगती है। यह लक्षण अक्सर किडनी डिजीज के बढ़े हुए चरण में देखा जाता है।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो देर न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती जांच और इलाज से बीमारी को रोका जा सकता है और किडनी की कार्यक्षमता काफी हद तक वापस लाई जा सकती है।
किडनी को स्वस्थ रखने के आसान उपाय
नमक का सेवन कम करें, ताकि ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहे।
पोटैशियम कम वाले फल-सब्जियां खाएं — जैसे सेब, अंगूर, बेरीज़, फूलगोभी और शिमला मिर्च।
प्रोटीन के हल्के स्रोत चुनें — जैसे मछली, दालें या अंडे का सफेद भाग।
रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इनमें प्रिज़रवेटिव्स होते हैं जो किडनी पर दबाव डालते हैं।
पेनकिलर या दवाइयों का ज्यादा सेवन न करें, बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना नुकसानदायक हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी लक्षण पर खुद इलाज न करें। सही निदान और उपचार के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।

