ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क, सर्वाइकल कैंसर ले चुका है शरीर में एंट्री! तुरंत भागें डॉक्टर के पास
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 02:15 PM (IST)

नारी डेस्क: सर्वाइकल कैंसर यानी गर्भाशय के मुंह का कैंसर, महिलाओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन धीरे-धीरे बढ़ने वाला कैंसर है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती ये है कि शुरुआत में इसके लक्षण साफ़ नजर नहीं आते, और जब पता चलता है, तब तक बीमारी अक्सर बढ़ चुकी होती है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं हर साल पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं, ताकि बीमारी की पहचान समय रहते हो सके। अगर आप अपने शरीर में नीचे बताए गए 10 लक्षणों में से कोई भी महसूस करें, तो लापरवाही बिल्कुल न करें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सर्वाइकल कैंसर के 10 शुरुआती लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
अगर आपकी माहवारी अनियमित हो गई है, या पीरियड्स के अलावा भी खून आ रहा है जैसे कि इंटरकोर्स के बाद या मेनोपॉज़ के बाद तो ये सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है।
योनि से बदबूदार या पानी जैसा डिस्चार्ज
सामान्य डिस्चार्ज हर महिला में होता है, लेकिन जब उसमें तेज़ बदबू आने लगे, रंग बदल जाए, या उसमें खून नजर आए तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। अगर डिस्चार्ज कपड़ों को बार-बार गीला करता है या आपको असहज महसूस होता है, तो ये साफ़ संकेत है कि कुछ गड़बड़ है। ऐसे में तुरंत गाइनोकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
शारीरिक संबंध के दौरान दर्द होना
अगर हर बार इंटरकोर्स के समय जलन, खिंचाव या दर्द महसूस होता है, तो ये सिर्फ "मूड की बात" नहीं, बल्कि आपके शरीर का संकेत हो सकता है कि कुछ गंभीर हो रहा है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में ये दर्द कभी-कभी हल्का होता है, पर समय के साथ बढ़ता जाता है। इसे नजरअंदाज़ करना आपकी सेहत के लिए भारी पड़ सकता है।
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पीठ या पेल्विक एरिया में लगातार दर्द
कमर के नीचे या पीठ के निचले हिस्से में लगातार भारीपन, दबाव या दर्द महसूस हो रहा है? अगर ये दर्द दवाइयों या आराम से भी नहीं जाता, तो यह सिर्फ थकान नहीं बल्कि अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है। खासकर जब यह दर्द पीरियड्स या डिस्चार्ज के लक्षणों के साथ जुड़ा हो।
अचानक वजन कम होना या भूख का खत्म हो जाना
अगर आपने डायटिंग नहीं की, एक्सरसाइज़ नहीं बढ़ाई और फिर भी वजन कम हो रहा है तो सावधान हो जाइए। कैंसर जैसे रोग अक्सर शरीर की ऊर्जा को बिना बताये खा जाते हैं, जिससे भूख भी मर जाती है। ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल जांच कराना बेहद जरूरी है।
बिना वजह थकान और कमजोरी महसूस होना
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपने कुछ खास किया भी नहीं और फिर भी आप थक गए हैं वो भी रोज़-रोज़, तो ये अंदर से कुछ गंभीर होने का संकेत हो सकता है। शरीर जब किसी बीमारी से लड़ रहा होता है, तो सबसे पहले एनर्जी पर असर होता है। ये एक इशारा है जिसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पैरों में सूजन या दर्द रहना (खासकर एक पैर में)
अगर आपके एक पैर में लगातार सूजन है, जूते टाइट हो रहे हैं या चलने में भारीपन लगता है, तो यह लिंफ नोड्स पर दबाव या ब्लॉकेज का असर हो सकता है। सर्वाइकल कैंसर का असर नर्व्स और फ्लूड सर्कुलेशन पर भी पड़ता है, जिससे पैर फूल सकते हैं। इसे किसी थकान या माइनर चोट समझकर टालें नहीं।
बार-बार पेशाब आना या जलन महसूस होना
अगर आपको हर थोड़ी देर में पेशाब आ रही है या पेशाब करते वक्त जलन होती है, तो यह यूटीआई नहीं, बल्कि किसी बड़ी बीमारी की ओर इशारा कर सकता है। कैंसर कभी-कभी ब्लैडर पर दबाव डालकर इस तरह के लक्षण देता है। अगर साथ में दर्द, डिस्चार्ज या थकान भी हो, तो देरी ना करें।
मासिक धर्म का बहुत ज्यादा भारी या लंबे समय तक चलना
अगर पीरियड्स पहले से कहीं ज्यादा दिन चल रहे हैं या खून ज्यादा आ रहा है, तो ये सिर्फ हार्मोनल बदलाव नहीं कुछ और भी हो सकता है। कई महिलाएं इसे आयरन की कमी या स्ट्रेस मानकर टाल देती हैं, लेकिन ये कैंसर का साइलेंट संकेत हो सकता है। इसलिए बदलाव नजर आए तो डॉक्टर से मिलें।
गर्भधारण में परेशानी या बांझपन
अगर आप काफी समय से कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही और साथ में ऊपर बताए गए कोई लक्षण भी हैं तो जांच करवाना जरूरी है। कैंसर गर्भाशय को प्रभावित कर सकता है और गर्भधारण की प्रक्रिया में रुकावट डाल सकता है। समय पर जांच और इलाज से बहुत कुछ ठीक हो सकता है।
किन कारणों से होता है सर्वाइकल कैंसर?
HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण: यह वायरस लगभग हर सर्वाइकल कैंसर के पीछे होता है। यह यौन संबंध से फैलता है। HPV वैक्सीन से इस खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।
HIV संक्रमण: कमजोर इम्यून सिस्टम वाली महिलाएं, खासकर HIV संक्रमित महिलाएं, इस कैंसर की चपेट में जल्दी आती हैं।
बचाव के उपाय क्या हैं?
HPV वैक्सीन: यह 11-12 साल की उम्र से दी जा सकती है और 26 साल तक की महिलाएं इसे ले सकती हैं।
नियमित पैप टेस्ट: यह टेस्ट हर महिला को साल में एक बार करवाना चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में बीमारी पकड़ में आ जाए।
सुरक्षित यौन संबंध और साफ-सफाई: यौन स्वच्छता और सुरक्षित संबंध बनाए रखने से HPV का खतरा कम किया जा सकता है।
महिलाओं के लिए जरूरी सलाह
अगर आपके शरीर में इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो शर्म न करें और न ही घबराएं। डॉक्टर से मिलें, जांच करवाएं और समय पर इलाज लें। सर्वाइकल कैंसर समय रहते पकड़ में आ जाए तो पूरी तरह ठीक हो सकता है। आपकी सावधानी ही आपकी सुरक्षा है।