Online Platforms ज्यादा इस्तेमाल करने से आपके बच्चे भी हो सकते हैं बाल शोषण का शिकार !
punjabkesari.in Friday, May 05, 2023 - 10:55 AM (IST)
कोविड-19 महामारी ने बच्चों को पढ़ाई से लेकर हर किसी चीज के लिए इंटरनेट का आदि बना दिया है। इसके कारण बच्चों की औसत स्क्रीन में भी वृद्धि हुई है। ऑनलाइन चीजों ने बच्चों के लिए सुरक्षा का खतरा भी बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता, शिक्षा ऐप्स के प्रयोग और ऑनलाइन कक्षाओं में बदलाव के साथ इन दिन बच्चों को हानिकारक सामग्री के संपर्क में आने की भी बहुत ही संभावना है। इसके अलावा इंस्टाग्राम, गूगल सहित कई बड़ी कंपनियों की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सुरक्षा की कमी के चलते बाल शोषण की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइडटेड चिल्ड्रन की ताजा रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट् के अनुसार, अमेजन के ट्विच, रेडिट और चेट ऐप्स ओमेग्ले और डिस्कॉर्ड पर भी ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं।
बाल शोषण के बड़े मामले
अमेरिकी बाल सुरक्षा एजेंसी को 2022 में ऑनलाइन लुभाने, बाल यौन तस्करी से संबंधित 3.2 करोड़ से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 27 लाख से ज्यादा हैं। गूगल पर बाल यौन दुर्व्यव्हार के मामले एक साल में दौगुणे बढ़ गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल यौन शोषण सामग्री में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है।
बच्चों को किया जा रहा है ब्लैकमेल
ऑनलाइन लुभाने के मामलों में 82% वृद्धि दर्ज की गई है। पैसे के लिए ब्लैकमेल, सेक्सटॉर्शन के मामलों में भी तेजी से वृद्धि पाई गई है। अपराधियों के द्वारा धमकी दी जाती है कि अगर वे पैसा नहीं देंगे तो वो बच्चों के दोस्तों, परिवार के साथ तस्वीरें शेयर कर देंगे। अपराधियों के द्वारा सिर्फ लड़कियां ही नहीं बल्कि लड़कों को भी तस्वीरों के बदले पैसे लेने के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है।
इन देशों में मिली शिकायतें
वहीं ऑनलाइन बाल शोषण के मामलों में भारत में 56,75, 324, अफगानिस्तान में 2,24,918, बांग्लादेश में 21,45,098, इंडोनेशिया में 18,78,011, अमेरिका में 15,62,61, ब्रिटेन में 3,16,900 में बाल शोषण के मामले पाए गए हैं। वहीं यहां वर्ष 2020 में 2,17,51,085 मामले पाए गए थे वहीं साल 2021 2,93,97,681 मामले शोषण के पाए गए थे। वहीं साल 2022 3,20, 59, 029 मामले बाल शोषण के पाए गए थे। ऐसे में देखा जा सकता है कि पिछले साल बाल शोषण के मामलों में वृद्धि हुई है।