नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में DU प्रोफेसर का इस्तीफा
punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 11:40 AM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला सामने आने के बाद कॉलेज में छात्रों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भारी विरोध के बाद आखिरकार बुधवार को उस प्रोफेसर ने अपना इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि यह कथित घटना दिसंबर 2023 की है जब प्रोफेसर पर एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। यह प्रोफेसर विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ (Student Welfare Committee) में एक अहम पद पर तैनात थे।
छात्र संगठनों ने उठाई सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के बाद कई छात्र संगठनों ने कॉलेज प्रशासन से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। इनमें वामपंथी संगठन आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और आरएसएस से जुड़ा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भी शामिल है। सभी संगठनों ने मिलकर प्रोफेसर के निलंबन और जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
विरोध के दौरान हुआ हिंसा का माहौल
प्रदर्शन के दौरान स्थिति और बिगड़ गई जब कुछ अज्ञात लोग लाठियों के साथ कैंपस में घुस आए और छात्रों पर हमला कर दिया। इससे प्रदर्शन हिंसक हो गया। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं जिनमें छात्रों के बीच तनाव और अफरा-तफरी देखी जा सकती है।
आइसा और एसएफआई ने एबीवीपी पर लगाए आरोप
AISA और SFI ने आरोप लगाया कि जो लोग हमला कर रहे थे वे ABVP के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि एबीवीपी के लोगों ने न सिर्फ छात्रों बल्कि अंग्रेजी विभाग के एक शिक्षक पर भी हमला किया। AISA ने यह भी दावा किया कि आरोपी प्रोफेसर पहले भी इस तरह की हरकतों में शामिल रहे हैं और 2021 में भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
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एबीवीपी ने आरोपों से किया इनकार
दूसरी ओर, ABVP ने इन आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे और सबसे पहले प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने वाले वही थे। ABVP का कहना है कि उन्होंने छह घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और उसके बाद ही प्रोफेसर ने इस्तीफा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके सदस्यों ने प्रोफेसर का ऑफिस बंद कर अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखीं।
कॉलेज प्रशासन ने दी सफाई
रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल अजय अरोड़ा ने कहा कि मामले की जांच जारी है और कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "प्रशासन किसी भी दबाव में काम नहीं करेगा।" प्रिंसिपल ने यह भी वादा किया कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ICC की धीमी प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
AISA और SFI जैसे संगठनों ने कॉलेज की ICC समिति पर भी सवाल उठाए कि उन्होंने 10 दिन पहले दर्ज शिकायत पर अब तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया। छात्रों का कहना है कि प्रशासन की धीमी कार्रवाई के कारण छात्रों को खुद सामने आना पड़ा।