क्या Sanitary Pads से हो सकता है Cancer? जानिए स्पेशलिस्ट की राय
punjabkesari.in Friday, Oct 15, 2021 - 03:36 PM (IST)
हर महिला को महीने में एक बार पीरियड्स जरूर आते हैं। इस दौरान ब्लीडिंग से बचने के लिए करीब 90% महिलाएं सैनेटरी पैड्स (Sanitary Pads ) का यूज करती हैं। हालांकि गांव या आदिवासी कस्बों में रहने वाली 10% महिलाएं अभी भी इससे अंजान है। आजकल मार्केट में ब्लीडिंग सोखने के लिए टैम्पोन्स (Tampons), मेन्स्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) भी उपलब्ध हैं लेकिन सबसे ज्यादा सेनेटरी नैपकिन ही यूज होता है। मगर, क्या पीरियड्स को आरामदायक बनाने वाले नैपकिन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
दरअसल, इसे बनाने के लिए फाइबर यूज किया जाता है और कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इससे कैंसर हो सकता है। चलिए जानते हैं कि सचमुच आपको कैंसर का मरीज बना सकता है नैपकिन...
क्या सेनेटरी पैड्स से हो सकता है कैंसर?
एक्सपर्ट की मानें तो इस बात कोई प्रमाण नहीं है कि सेनेटरी पैड या डायपर सीधा कैंसर की वजह बन सकते हैं। हालांकि कुछ रिसर्च का कहना है कि इसे बनाने के लिए यूज होने वाले डाइऑक्सिन व अन्य पदार्थ बीमारियों का कारण बन सकता है।
दरअसल, नैपकिन के तत्व पानी के संपर्क में आते ही वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड जैसे क्लोरीन, टोलेडीन छोड़ते हैं, जो जो कैंसर के कारक माने जाते हैं। इनसे यूट्रस के साथ-साथ शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर कोशिकाओं को जन्म देने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें बीपीए और बीपीएस जैसे प्लास्टिक व सुपर एब्सॉर्बेंट पॉलिमर स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें तो कैंसर का जोखिम काफी हद तक कम किया जा सकता है....
. कार्बन, रासायनिक प्रदूषक, बायोडिग्रेडेबल और रासायन मुक्त सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करें।
. एक दिन में कम से कम 2 बार पैड जरूर बदलें।
. प्यूबिक एरिया के आस पास साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। साथ ही हमेशा सूखे व साफ अंडर गारमेंट्स पहनें।
. सेनेटरी नैपकिन की बजाए ऑर्गेनिक क्लॉथ पैड या मेंस्ट्रुअल कप का यूज करें।
. खुशबूदार सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से बचें क्योंकि इससे वैजाइना इंफेक्शन का खतरा रहता है।
सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल के संभावित जोखिम
सिर्फ कैंसर ही नहीं, सेनेटरी नैपकिन के लिए इस्तेमाल होने वाला सामान कई बीमारियों का कारण बन सकता है जैसे...
. यूटीआई, यूरिन या फंगल इंफेक्शन
. इम्यून सिस्टम को नुकसान
. हार्मोनल समस्याएं
. वैजाइना इंफेक्शन का खतरा
तो अगर आप भी कैंसर या इन सभी प्रॉब्लम्स से बचना चाहती हैं तो अपने पर्सनल केयर पर ध्यान दें।