डॉक्टरों ने ही कर दी इतनी बड़ी गलती, मरीज का काट दिया प्राइवेट पार्ट
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 07:30 PM (IST)

नारी डेस्क: अमेरिका के टेक्सास से मेडिकल नेग्लिजेंस का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। साल 2003 में हुए इस मामले ने मेडिकल जगत और समाज दोनों में गंभीर सवाल खड़े कर दिए। टेक्सास के रहने वाले हर्शेल रॉल्स ब्लैडर कैंसर का इलाज करवा रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी के लिए तैयार किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई।
उनकी पत्नी थेलेमा ने बताया
"डॉक्टरों ने मेरे पति का पेनिस ही काट दिया। हमें इस बारे में पहले से कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। यह सुनकर रॉल्स गुस्से और सदमे में कांप उठे। सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें शक था कि कैंसर पेनिस तक फैल चुका है, इसलिए मरीज की जान बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया। लेकिन जब पैथोलॉजी रिपोर्ट आई, तो खुलासा हुआ कि पेनिस का टिश्यू पूरी तरह कैंसर-मुक्त था।
पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर
रॉल्स की पत्नी थेलेमा ने कहा "कम से कम इतना तो बता सकते थे। अगर हमें पता होता तो हम पहले से सोच-समझकर फैसला ले सकते थे।" उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था और वो बार-बार सवाल कर रही थीं कि आखिर इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है?
ये ऐसी गलती है भूतनी के,
— Adv Shubham Singh Yadav (@FearlessSSpeaks) October 4, 2025
ये तो बहुतय बड़ा Blunder है,
और डॉक्टर को इसकी सजा मिलनी ही चाहिए.. pic.twitter.com/AyiW36UNF4
डॉक्टरों ने गलती मानने से किया इंकार
इस मामले में दो डॉक्टरों जॉन एस. ड्राइडन और फरीद खौरी ने अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया। डॉक्टरों के वकील जोएल स्टीड का कहना था कि "मरीज को पहले ही बताया गया था कि अगर कैंसर फैलता है, तो पेनिस हटाना पड़ सकता है। ऑपरेशन के दौरान हमें ऐसा टिश्यू दिखा जिससे लगा कि कैंसर यूरेथ्रा तक पहुंच गया है।
मुकदमा और कोर्ट से बाहर समझौता
हर्शेल रॉल्स ने Clinics of North Texas पर मेडिकल नेग्लिजेंस का मुकदमा दायर किया। हालांकि यह मामला ट्रायल से पहले ही कोर्ट से बाहर सुलझा लिया गया।
आज भी खड़े हैं गंभीर सवाल
यह केस सिर्फ एक मरीज और उसके परिवार की त्रासदी नहीं था, बल्कि इसने मेडिकल जगत के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए क्या ऑपरेशन से पहले मरीज को हर संभावित खतरे की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए? क्या बिना कंफर्म रिपोर्ट के डॉक्टर इतने बड़े कदम उठा सकते हैं? मरीज की कंसेंट (सहमति) की सीमा आखिर कहां तक है? यह घटना आज भी मेडिकल नेग्लिजेंस और पेशेंट कंसेंट पर होने वाली चर्चाओं में उदाहरण के तौर पर दी जाती है।