न्यू पेरेंट्स के लिए डॉक्टर ने बताया फॉर्मूला मिल्क बनाने का सही तरीका, ज्यादातर लोग करते हैं ये गलती
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 04:45 PM (IST)

नारी डेस्क: शिशु का पोषण उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। नवजात शिशु के लिए सबसे पहला और जरूरी पोषण मां का दूध होता है। डॉक्टरों की सलाह होती है कि जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक शिशु को सिर्फ मां का दूध ही दिया जाए। लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में जैसे मां की तबीयत खराब होना, निप्पल में इंफेक्शन होना या दूध न बनना, मां शिशु को स्तनपान नहीं करा पाती। ऐसी स्थिति में डॉक्टर शिशु के लिए फॉर्मूला मिल्क देने की सलाह देते हैं।
फॉर्मूला मिल्क एक सुरक्षित और पोषण से भरपूर विकल्प हो सकता है लेकिन इसे सही तरीके से बनाना बहुत जरूरी है। लखनऊ के आनंद केयर क्लिनिक के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद बताते हैं कि अगर फॉर्मूला मिल्क गलत तरीके से तैयार किया जाए तो शिशु के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि शिशु के लिए फॉर्मूला मिल्क कैसे सही ढंग से बनाया जाए और कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए।
सही फॉर्मूला मिल्क चुनें
फॉर्मूला मिल्क खरीदने से पहले शिशु की उम्र के अनुसार डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। बाजार में अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग फॉर्मूला मिल्क उपलब्ध हैं 0 से 6 महीने तक के शिशुओं के लिए अलग, 6 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए अलग, शिशु को क्या सूट करेगा, ये डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
मिल्क बनाने के लिए पहले सभी चीजें तैयार कर लें
फॉर्मूला मिल्क बनाने से पहले यह देखें कि आपके पास ये चीजें उपलब्ध हैं उबला हुआ और ठंडा किया गया पानी, साफ और स्टरलाइज (उबाले गए) बोतल, स्कूप (जो डिब्बे के साथ आता है)स स्टरलाइज करने का बर्तन या बोतल स्टरलाइज़र।
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साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें
फॉर्मूला मिल्क बनाते समय सबसे पहले अपने हाथों को साबुन और साफ पानी से धो लें। जिस बोतल में दूध बनाएंगे उसे भी उबालकर या स्टरलाइज़र से साफ करें। शिशु का पेट बहुत नाज़ुक होता है, इसलिए गंदगी से बचाना जरूरी है।
दूध और पानी की सही मात्रा का रखें ध्यान
पहले बोतल में तय मात्रा में उबला और ठंडा किया गया पानी डालें। फिर हर 30ml पानी में 1 स्कूप फॉर्मूला मिल्क मिलाएं। पानी और पाउडर का अनुपात डॉक्टर द्वारा बताई गई मात्रा के अनुसार ही रखें। गलत अनुपात शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं देगा और उसकी सेहत पर असर डाल सकता है।
दूध को अच्छी तरह से घोलें
दूध और पानी मिलाने के बाद बोतल को ढक्कन से बंद करें। बोतल को हल्के-हल्के हिलाकर तब तक मिलाएं जब तक पाउडर पूरी तरह घुल न जाए। ध्यान दें कि मिश्रण में गांठें न बनें।
दूध का तापमान जरूर जांचें
दूध पिलाने से पहले यह जांच लें कि वह बहुत गर्म या ठंडा न हो। तापमान जांचने के लिए बोतल से एक बूंद दूध अपनी कलाई के अंदर डालें। दूध हल्का गुनगुना होना चाहिए – शिशु के लिए यही सबसे सही तापमान है।
तैयार फॉर्मूला मिल्क तुरंत इस्तेमाल करें
फॉर्मूला मिल्क बनाते ही शिशु को पिला दें। अगर शिशु दूध नहीं पीता है और बोतल में दूध बच जाता है, तो उसे 1 घंटे से ज्यादा न रखें। लंबे समय तक रखा हुआ फॉर्मूला मिल्क खराब हो सकता है और इससे शिशु को दस्त, उल्टी या खून वाली पॉटी की समस्या हो सकती है।
शिशु को फॉर्मूला मिल्क पिलाते समय ये सावधानियां रखें
कभी भी अपनी मर्जी से पाउडर या पानी की मात्रा को कम-ज्यादा न करें। हमेशा उबला और ठंडा किया गया पानी ही इस्तेमाल करें, जिससे पानी में मौजूद बैक्टीरिया मर जाएं। शिशु को फॉर्मूला मिल्क देना शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
फॉर्मूला मिल्क शिशु के लिए तब जरूरी होता है जब मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता। यह एक पोषणयुक्त विकल्प है, लेकिन इसे सही तरीके से बनाना और साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है।