सुंदरकांड से जुड़ी रहस्यमयी बातें, जिसे जानने के बाद आप भी रोज करेंगे इसका पाठ

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 10:40 AM (IST)

नारी डेस्क: "सुंदरकांड" श्रीरामचरितमानस का पांचवां अध्याय है, जिसे तुलसीदास जी ने लिखा था। यह हनुमान जी की वीरता, भक्ति और चमत्कारों से भरा हुआ अध्याय है। इसे "सुंदरकांड" इसलिए कहा गया क्योंकि इसमें सब कुछ सुंदर (सत्य, भक्ति, साहस और संकल्प) है। लेकिन इसके पीछे कई रहस्यमयी और अद्भुत बातें हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। चलिए जानते हैं सुंदरकांड से जुड़ी रहस्यमयी बातें, जिसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए। 

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हर समस्या का समाधान सुंदरकांड में है

सुंदरकांड पाठ करते समय वातावरण में एक विशेष ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और घर में सुख-शांति लाती है। सुंदरकांड का पाठ रोग निवारण में सहायक माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जिनका विवाह नहीं हो रहा, उनके लिए यह पाठ विशेष रूप से लाभकारी है। सुंदरकांड का नियमित पाठ आर्थिक समस्याएं भी दूर कर सकता है।


हनुमान जी का मिलता है सीधा आशीर्वाद 


वास्तु शास्त्र के अनुसार जब कोई श्रद्धा से सुंदरकांड पढ़ता है, तो हनुमान जी वहां साक्षात उपस्थित होते हैं। वे उसकी हर संकट से रक्षा करते हैं। रामचरितमानस के अन्य अध्यायों में संघर्ष, युद्ध, प्रेम आदि हैं, पर सुंदरकांड केवल सफलता, साहस और समाधान पर केंद्रित है – जैसे हनुमान जी का लंका जाना, सीता माता से मिलना और वापस लौटना।
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किस दिन करें सुंदरकांड का पाठ?

मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड पढ़ना विशेष फलदायी माना गया है। संकटों में फंसे लोग 9 बार सुंदरकांड का पाठ करें, अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। यह पाठ घी का दीपक जलाकर, हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर सामने रखकर करे।  हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वे कलियुग में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं, और सुंदरकांड उन्हें प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है।
 


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vasudha

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