Myth and Fact: क्या डायबिटीज मरीज ले सकते हैं Artificial Sugar?

punjabkesari.in Tuesday, Mar 29, 2022 - 10:57 AM (IST)

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो इन दिनों उम्र के पड़ाव पर हर किसी को अपनी चपेट में ले रही है। शोध के अनुसार, न के 90% मामलों में बीमारी का पता तब चलता है जब इसे हुए काफी समय बीत चुका होता है। डायबिटीज का कोई ऐसा खतरनाक लक्षण नहीं होता, जिससे आपको तुरंत बीमारी का पता चल जाए। यह एक छिपी हुई बीमारी है, जो धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करती है। ऐसे मरीजों को ना सिर्फ जीवनभर दवाएं लेनी पड़ती है बल्कि अपने खान-पान का भी खास ख्याल रखना पड़ता है।

मगर, लोगों में डायबिटीज से जुड़े खाने को लेकर कई तरह के मिथक फैले हुए हैं। लोग जानकारी जमा किए बिना इन मिथकों का पालन करना शुरू कर देते हैं। आज हम आपको डायबिटीज से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथक बताएंगे, जिन्हें लोग सच मान लेते हैं।

स्टार्चयुक्त भोजन न करें

डायबिटीज मरीजों को स्टार्च से भरपूर चीजें जैसे सफेद ब्रेड, चावल, आटा आदि खाने की मनाही होती है। एक्सपर्ट की मानें तो ये फूड्स शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं और इसलिए ज्यादातर लोग इन्हें ब्रेकफास्ट में ही खाते हैं। ऐसे में डायबिटीज से पीड़ित मरीज ऊर्जावान रहने के लिए इन्हें ब्रेकफास्ट में ले सकते हैं।

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हमेशा रहेंगे बीमार

लोगों में यह मिथक भी फैल गया है कि डायबिटीज मरीज अक्सर बीमार रहते हैं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सही आहार और स्वस्थ जीवन शैली से मरीज बिल्कुल सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत कर सकता है। इसके लिए बस ब्लड शुगर कंट्रोल होना चाहिए।

शराब नहीं पीनी चाहिए

कहा जाता है कि शराब में मौजूद शुगर शरीर में मौजूद ब्लड शुगर के स्तर को काफी बढ़ा सकता है। मगर, एक्सपर्ट के मुताबिक, मधुमेह से पीड़ित मरीज कम मात्रा में शराब पी सकते हैं।

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कार्ब बिल्कुल नहीं खाना चाहिए?

बहुत से लोगों को लगता है कि डायबिटीज में कार्बोहाइड्रेट्स नहीं लेना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पूरी तरह बंद करने की बजाए ऐसे मरीजों को सही कार्ब्स का सेवन करना चाहिए। इस बारे में आप एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।

आर्टिफिशियल शुगर का इस्तेमाल

बहुत से लोग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर लेते हैं। मगर, एक्सपर्ट्स के अनुसार, आर्टिफिशियल शुगर या शुगर-फ्री का सेवन करने से इंसुलिन का स्तर बिगड़ सकता है जो ऐसे मरीजों के लिए सही नहीं है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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