हादसा होने या सामान चोरी होने पर ट्रेन से मिलता है मुआवजा या नहीं?  जानिए क्या है नियम में

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2024 - 08:28 PM (IST)

नारी डेस्क:  भारतीय रेलवे में यात्रा के दौरान अगर ट्रेन में आग लग जाए या सामान चोरी हो जाए, तो रेलवे की ओर से मुआवजे के नियम और प्रक्रियाएं तय की गई हैं। हालांकि, हर स्थिति में मुआवजा देने के नियम अलग-अलग होते हैं और यह घटना की गंभीरता पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं रेलवे के मुआवजा नियमों के बारे में। 

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ट्रेन में आग लगने पर मुआवजा

अगर ट्रेन में आग लगने से यात्रियों को चोट पहुंचती है या उनकी मृत्यु हो जाती है, तो रेलवे एक्ट के तहत मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए भारतीय रेलवे की ओर से रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में क्लेम दर्ज करना होता है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या गंभीर चोट लगती है, तो मुआवजा राशि तय की गई होती है, जो कि स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।यदि आग लगने की घटना रेलवे की लापरवाही के कारण हुई है, तो यात्री को मुआवजा दिया जाता है। यदि घटना किसी यात्री की गलती से होती है (जैसे कि ज्वलनशील पदार्थ ले जाना), तो रेलवे मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है।
   

सामान चोरी होने पर मुआवजा

सामान चोरी होने पर भारतीय रेलवे सीधे तौर पर मुआवजा नहीं देता है क्योंकि रेलवे एक्ट के अनुसार रेलवे आपकी व्यक्तिगत संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेता है। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में यात्री रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।   यदि आपने अपने सामान को रेलवे की आधिकारिक लगेज सुविधा के तहत बुक किया है और बुक किए हुए सामान का नुकसान या चोरी होती है, तो आप मुआवजे का दावा कर सकते हैं। लेकिन सामान्यतया, यदि आपने अपना व्यक्तिगत सामान अपने साथ रखा है और वह चोरी हो जाता है, तो रेलवे मुआवजा नहीं देता।

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सामान चोरी होने पर उठाए जाने वाले कदम

   - चोरी होने पर तुरंत रेलवे पुलिस (आरपीएफ) या स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
   - FIR दर्ज कराएं, जिससे जांच शुरू हो सके।
   - रेलवे पुलिस द्वारा मामले की जांच के बाद, अगर कोई लापरवाही साबित होती है तो आप ट्रिब्यूनल के जरिए मुआवजा मांग सकते हैं।

 

ट्रेन दुर्घटना में मुआवजा

   ट्रेन दुर्घटना के दौरान मृत्यु, घायल होने या सामान के नुकसान पर रेलवे यात्रियों को मुआवजा प्रदान करता है। इसके तहत:
   - मृत्यु पर रेलवे 5 लाख रुपये तक का मुआवजा देता है।
   - गंभीर रूप से घायल होने पर 2.5 लाख रुपये तक मुआवजा दिया जाता है।
   - हल्की चोट पर 32,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है।

 

बीमा योजना का लाभ

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक बीमा योजना भी शुरू की है। यदि यात्री टिकट बुकिंग के समय बीमा का विकल्प चुनते हैं, तो दुर्घटना, मृत्यु या घायल होने पर उन्हें बीमा कंपनियों द्वारा अतिरिक्त मुआवजा दिया जाता है। बीमा प्रीमियम काफी कम होता है, जो कि कुछ पैसे ही होते हैं।    अगर कोई यात्री मुआवजे का दावा करना चाहता है, तो वह रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में शिकायत कर सकता है। यह ट्रिब्यूनल रेलवे के किसी भी प्रकार के विवाद या नुकसान के मामले में निर्णय करता है।

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क्या करें अगर दुर्घटना या चोरी हो?

   - घटना के तुरंत बाद नजदीकी रेलवे स्टेशन मास्टर या रेलवे अधिकारियों को सूचित करें।
   - पुलिस में FIR दर्ज कराएं।
   - रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में मुआवजे के लिए आवेदन दें। 

इस प्रकार, रेलवे यात्रियों को कुछ खास स्थितियों में मुआवजा प्रदान करता है, लेकिन इसके लिए सही प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।


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Content Writer

vasudha

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