भूल से भी न करें इन 2 स्थितियों में गिलोय का सेवन, फायदा नहीं देगी नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, Nov 10, 2020 - 12:02 PM (IST)

कोरोना वायरस से बचने के लिए एक्सपर्ट्स द्वारा इम्यूनिटी स्ट्रांग करने की सलाह दी गई। इसके लिए विटामिन्स, मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीूडेंट्स भरपूर गिलोय को सबसे अच्छा स्त्रोत माना गया है। इससे तैयार काढ़ा, जूस आदि का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होने के साथ बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कई गुणा कम होता है। मगर फिर भी 2 स्थितियों में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। नहीं तो फायदे की जगह शरीर को नुृकसान झेलना पड़ सकता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गुणों की खान होने के बावजूद भी किन स्थितियों में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए...

इन 2 स्थितियों में गिलोय का सेवन करने से बचें...

 

गर्भावस्था में ना करें गिलोय का सेवन 

गुणों की खान होने के बावजूद भी गिलोय गर्भावस्था में पीने से शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। खासतौर पर जिन महिलाओं की डिलवरी सर्जरी से हुई हो या होनी हो तो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। असल में, इससे ब्लड शुगर लेवल कम हो सकती है। साथ ही सर्जरी के घाव सूखने में समय लग सकता है। 

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लो ब्लड प्रेशर 

लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। ज्यादा मात्रा और नियमित रूप से गिलोय का सेवन करने से वो ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है। 

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इन स्थितियों में करें गिलोय का सेवन...

गिलोय में विटामिन्स, मिनरल्स व एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। ऐसे में बीमारियों के लगने का खतरा कम रहता है। तो चलिए जानते हैं इसका सेवन किस स्थिति में फायदेमंद होता है...

बुखार में फायदेमंद

गिलोय से तैयार काढ़े या जूस का सेवन करने से बुखार कम होने में मदद मिलती है। साथ ही इम्यूनिटी स्ट्रांग होने से बार-बार बुखार की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। 

एंटी एजिंग गुण

इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-एजिंग गुण होते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से शरीर के साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। ऐसे में नियमित रूप से इसका सेवन करने से चेहरे पर पड़े ढलती उम्र के निशान कम करने में मदद मिलती है। 

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जोड़ों का दर्द करे दूर

इसके सेवन से जोड़ों व शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द होने से छुटकारा मिलता है। खासतौर पर बोन फ्रेक्चर के कारण हड्डियों में होने से दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए गिलोय का काढ़ा नियमित रूप से पीएं। नहीं तो इसकी पत्तियों को गर्म कर चोट वाली जगह पर लगाएं। इससे दर्द कम होने के साथ चोट जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।

मौसमी बीमारियां

इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होने से इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है। ऐसे में मौसमी सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार आदि से बचाव रहता है।  ‌

इस तरह करें सेवन

वैसे तो गिलोय का काढ़ा व जूस बनाकर पीया जाता है। मगर अब बाजार से इसकी गोलियां भी मिलने लगी है। ऐसे में जिन लोगों के पास काढ़ा या जूस बनाने का समय नहीं है। वे इसकी गोलियों का सेवन कर सकते हैं। अगर आप इसका काढ़ा बनाना चाहते हैं तो चलिए हम आपको इसे बनाने की रेसिपी बताते हैं...

काढ़ा बनाने का तरीका...

 

सामग्री:

पानी- 2 कप
गिलोय पाउडर- 1 बड़ा चम्मच
शहद- 1/2 बड़ा चम्मच
दालचीनी- 1 छोटी स्टीक
हल्दी पाउडर- 1/2 छोटा चम्मच
काली मिर्च पाउडर- 1 चम्मच
पुदीना की पत्तियां- 10-12 
अदरक- 1/2 इंच टुकड़ा (कसा हुआ)

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विधि:

1. एक पैन में पानी, काली मिर्च और हल्दी पाउडर डालकर 1 मिनट उबालें।
2. इसमें गिलोय पाउडर, दालचीनी, अदरक डालें और 1 मिनट तक धीमी आंच में उबालें।
3. अब इसमें पुदीने की पत्तियां, शहद डालकर मिक्स कर गैस बंद कर दें। 
4. लीजिए आपका इम्यून बूस्टर गिलोय का काढ़ा बन कर तैयार है। 
5. इसे ठंडा कर पीएं।


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Content Writer

neetu

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