व्हाइट डिस्चार्ज में ना बरतें लापरवाही, जानिए किन कंडीशन में होता है नॉर्मल

punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 03:35 PM (IST)

75% महिलाओं को जिंदगी में एक बार ल्यूकोरिया यानि व्हाइट डिस्चार्ज की प्रॉब्लम जरूर होती है। इसके कारण गुप्तांग से चिपचिपा और बदबूदार सफेद पानी निकलता है। साथ ही इसके कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि कई बार यह समस्या इतनी गंभीर नहीं होती है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कब वाइट डिस्चार्ज नॉर्मल होता है और कब इसे सीरियल लेने की जरूरत है।

किस एज ग्रुप में होती है यह बीमारी

यह समस्या महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन टीनएज लड़कियों में ज्यादा देखने को मिलती है। जिन लड़कियों के पीरियड शुरू ना हुए हो उन्हें 14 साल की उम्र में डिस्चार्ज हो सकता है।

पीरियड्स से पहले डिस्चार्ज होना समान्य

अगर पीरियड्स से कुछ दिन पहले या बाद में पीले रंग का डिस्चार्ज हो तो घबराने की जरूरत नहीं लेकिन अगर लगातार डिस्चार्ज हो रहा है तो एक बार गाइनकोलॉजिस्ट से चेकअप करवा लें क्योंकि यीस्ट इन्फेक्शन का भी संकेत हो सकता है। वहीं, डिस्चार्ज के साथ खुजली, जलन या वजाइना में कोई दिक्कत हो तो इसे बिल्कुल भी इगनोर ना करें।

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प्रेगनेंसी या हॉर्मोन्स में बदलाव

प्रेगनेंसी, हॉर्मोन्स बदलाव के कारण डिस्चार्ज कम या अधिक हो सकता है। कई बार यह हल्के पीले रंग का भी हो सकता है लेकिन अगर डिस्चार्ज के साथ तेज स्मेल आए तो तुरंत चेकअप करवाएं।

मल्टीपल अबॉर्शन भी वजह

मल्टीपल अबॉर्शन के दौरान बच्चेदानी में घाव रह जाने की वजह से भी डिस्चार्ज हो सकता है। कई बार बैक्टीरियल, फंगल और मिक्स इंफेक्शन के कारण भी यह समस्या हो सकती है और अगर समय रहते इलाज ना करवाया जाए तो यह कैंसर का रूप ले सकता है।

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​ऑवलूशन के समय

सफेद, बदबूदार, पतला या गाढ़ा डिस्चार्ज पीरियड्स शुरू होने का संकेत भी देता है। वहीं, अगर डिस्चार्ज क्रीम सफेद और मोटा शुरू हो जाए तो यह शरीर में ऑवलूशन शुरू होने का संकेत है। ऐसे में समय में कंसीव करने के चांसेज ज्यादा होते हैं। ओव्यूलेशन का सही समय पीरियड्स के बाद 7 ये 14 दिनों तक का होता है यानि पीरियड्स के 14 दिन ओव्यूलेशन का सही समय होता है। हालांकि, यह मासिक चक्र महिलाओं की स्थिति के हिसाब से बदल भी सकता है।

इंफेक्शन का हो सकता है संकेत

अगर आपको बहुत सा गाढ़ा सफेद स्राव होता है, तो आपको शायद एक यीस्ट इंफैक्शन है। इसके अलावा यूटीआई, यीस्ट व बैक्टीरियल इंफैक्शन और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीज के कारण भी ऐसा हो सकता है।

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​ट्रीटमेंट

आमतौर पर BV और STI व्हाइट डिस्चार्ज जैसे ट्रायकॉमोनास, क्लैमाइडिया या गोनोरिया में डॉक्टर्स सिर्फ एंटीबायोटिक जेल और क्रीम देते हैं। मगर, कई बार इसके प्रभाव को कम करने के लिए डॉक्टर्स दवा या इंजेक्शन की सलाह भी दे सकते हैं।

व्हाइट डिस्चार्ज का घरेलू नुस्खा

1. अगर व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या नॉर्मल है तो आप उसे घरेलू नुस्खे से भी दूर कर सकती हैं। इसके लिए भिगी हुई अंजीर खाएं या अमरूद की पत्तियों की चाय पीएं। 
2. ल्यूकोरिया के कारण शरीर में कमजोरी ना हो इसके लिए डाइट में मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध-दही, सुखे मेवे, मछली और अंडे शामिल करें।
3. व्हाइड डिस्चार्ज में प्राइवेट पार्ट की सफाई का खास ख्याल रखें और पीरिड्यस में 2 बार पैड जरूर बदलें।

याद रखें कि प्राइवेट पार्ट से जुड़ी समस्याओं में लापरवाही ना बरतें क्योंकि इससे ही यूट्रस व ओवरी से जुड़े अन्य रोगों को बढ़ावा मिलता है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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