दिवाली को लग गई किसकी नजर?   शो-ऑफ के चक्कर में त्योहारों का मजा हो रहा किरकिरा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 30, 2024 - 12:19 PM (IST)

नारी डेस्क: देश का सबसे बड़ा और खास त्योहार दिवाली कल है, पर आस-पास के वातावरण को देखकर लग ही नहीं रहा है कि कोई त्योहार भी आ रहा है।  पुराने दिनों की बात करें तो महीने पहले ही  दिवाली की रौनक देखने को मिल जाती थी, पर अब तो लगता है इसे किसी की नजर लग गई है। हर तरफ बस दिखावा ही रह गया है असल में इस त्योहार का महत्व ना किसी को पता है ना इसे जानाना चाहते हैं।

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साफ- सफाई से बचने लगे हैं लोग

एक दशक पहले घर की सफाईयां शुरू होने से पता चल जाता था कि दिवाली आने वाली है। छोटे से लेकर बड़ा हर कोई घर के कोने- कोने को चमकाने में लग जाता है। बचपन में यही बताया गया था कि मां लक्ष्मी उसी घर में आती है जहां साफ- सफाई होती है। पर अब ये धारणा बदल गई है भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते लोग सफाई करने से बचते हैं या तो वह थोड़ी सी साफ- साफाई से खुद को तसल्ली दे देते हैं यहां फिर कुछ पैसे देकर बाहर के लोगों से घर साफ करवा देते हैं। अब ऐसे में घर के छोटे बच्चे साफ- सफाई को लेकर क्या ही सीख ले पाएंगे।

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शो-ऑफ करने के लिए पहने जाते हैं महंगे कपड़े


कुछ सालों पहले किसी त्यौहार या शादी पर ही घर वालों को नए कपड़े मिलते थे, ऐसे में इसका अलग ही क्रेज होता था। आजकल तो कभी भी कहीं भी शॉपिंग कर ली जाती है। अब लोग दुकानों पर घंटो समय बर्बाद करने की बजाय ऑनलाइन ही कपड़े मंगवा लेते हैं। ऐसे में दिवाली पर नए कपड़े पहनने का वो पहले वाला क्रेज अब नहीं रहा। हालांकि पहले ब्रांड का भी कोई दिखावा नहीं था पर अब तो घर आने वाले मेहमानों के आगे शो-ऑफ करने के लिए महंगे- महंगे कपड़े पहने जाते हैं। 

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चॉकलेट और केक के आगे मिठाई  लगती है फिकी 

दिवाली में सबसे ज्यादा इंतजार रहता था मिठाई का। बच्चे तो इसी इंतजार में रहते थे कि कब दिवाली आए और वह तरह- तरह की मिठाई खाएं। पर अब ऐसा कुछ नहीं है आज कल बच्चों को चॉकलेट और केक के आगे मिठाई बोरिंग लगती है और अगर बच्चा खाना भी चाहे तो मां- बाप यह कहकर मना कर देते हैं कि ज्यादा मीठा खाने से उसके दांत खराब हो जाएंगे। ऐसे में घर पर आई मिठाई या तो किसी काम वाली को दे दी जाती है या फिर फेंक दी जाती है। 

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पटाखों को लेकर बढ़ रहे फिजूल खर्च

बात अगर पटाखाें की कि जाए तो आज से 10 साल पहले घर का मुखिया जो पटाखे ले आता था उसे ही पूरा परिवार मिलकर जलाता था। पर अब जमाना बहुत बदल गया है। अब घर में जितनी बच्चे हैं सभी को अपनी- अपनी पसंद के पटाखे चाहिए। कई बार तो शो-ऑफ के चक्कर में बच्चे हजारों के पटाखे फूंक देते है। यह सब देखकर ही हमारा कहना है दिवाली को नजर लग गई है। 


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Content Writer

vasudha

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