क्या आपको पता है, आपकी गर्दन से आने वाले हार्ट अटैक का चलता है पता,  जानिए कैसे

punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 04:33 PM (IST)

नारी डेस्क: क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी गर्दन सिर्फ आपकी सुंदरता या पर्सनालिटी नहीं बताती, बल्कि आपके दिल की सेहत और डायबिटीज़ जैसे गंभीर रोगों के संकेत भी दे सकती है? हाल ही में आई एक नई मेडिकल रिसर्च में बताया गया है कि गर्दन की मोटाई (Neck Circumference) से किसी व्यक्ति के हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और मेटाबॉलिक हेल्थ की पहचान की जा सकती है।

 गर्दन की मोटाई से मेटाबॉलिक हेल्थ का पता चलता है

जैसे हम वजन और ऊंचाई के अनुपात को मापने के लिए BMI (Body Mass Index) का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह अब वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्दन की मोटाई भी शरीर के अंदरूनी हालातों का सटीक संकेत देती है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की गर्दन ज्यादा मोटी होती है, उनमें हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेल्योर और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा अधिक होता है। यह जांच न केवल आसान है, बल्कि तेज़, सस्ती और बिना किसी मशीन के की जा सकती है। यानी, आपकी गर्दन आपकी सेहत की "पहली रिपोर्ट" हो सकती है।

 क्यों गर्दन में मिलते हैं बीमारी के संकेत?

जब शरीर में खराब फैट (Bad Fat) या ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं, तो ये फैट ब्लड के जरिए शरीर में घूमते रहते हैं। धीरे-धीरे यह गर्दन और उसके आसपास की त्वचा के नीचे जमा होने लगते हैं। यह जमा हुआ फैट दिखने में तो सिर्फ मोटाई जैसा लगता है, लेकिन यह असल में शरीर में जमा आंतरिक चर्बी (Visceral Fat) का बाहरी संकेत होता है। इससे यह भी पता चलता है कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और इंसुलिन रेसिस्टेंस जैसी समस्याएं शुरू हो रही हैं।

कितनी मोटाई पर बढ़ जाता है खतरा?

वैज्ञानिकों ने गर्दन की परिधि के आधार पर कुछ सीमाएं बताई हैं

पुरुषों में: यदि गर्दन की परिधि 17 इंच (43 सेमी) से अधिक है,

महिलाओं में: यदि यह 14 इंच (35.5 सेमी) से ज्यादा है, तो यह हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के बढ़े हुए खतरे का संकेत हो सकता है। हर एक सेंटीमीटर की अतिरिक्त मोटाई से अस्पताल में भर्ती होने और असमय मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। यह केवल मोटे लोगों तक सीमित नहीं है  कई पतले दिखने वाले लोगों की गर्दन भी मोटी होती है, जो आंतरिक फैट के कारण होता है।

 गर्दन की मोटाई और डायबिटीज़ का कनेक्शन

मोटी गर्दन वाले लोगों में सिर्फ हार्ट डिज़ीज ही नहीं, बल्कि टाइप-2 डायबिटीज़, जेस्टेशनल डायबिटीज़ (गर्भावस्था में शुगर) और स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं का भी जोखिम ज्यादा पाया गया है। स्लीप एपनिया में नींद के दौरान सांस रुक-रुक कर चलती है, जिससे दिल और ब्लड वेसल्स पर लगातार दबाव पड़ता है  और यहीं से हार्ट अटैक का खतरा शुरू होता है।

कैसे लें गर्दन की माप?

गर्दन की परिधि मापने के लिए किसी जटिल टेस्ट की जरूरत नहीं  एक लचीला मापने वाला फीता (Measuring Tape) लें। इसे गर्दन के सबसे पतले हिस्से पर हल्के से लपेटें। इसे न ज्यादा कसें और न ढीला छोड़ें। इससे आपको आपकी गर्दन की सटीक परिधि मिल जाएगी।डॉक्टर कहते हैं कि इस आसान तरीके से शरीर के भीतर छिपे गंभीर हेल्थ संकेतों को पहचानना संभव है, ताकि बीमारी के आने से पहले ही उसका रोकथाम किया जा सके।

 गर्दन की चर्बी घटाने के उपाय

अगर आपकी गर्दन की मोटाई बढ़ रही है, तो यह सिर्फ “देखने में” मोटापा नहीं  बल्कि एक हेल्थ अलार्म है। इसे कम करने के लिए डॉक्टर से जांच कराएं कि कहीं कोलेस्ट्रॉल, लिवर या ब्लड शुगर की समस्या तो नहीं।

नियमित एक्सरसाइज करें — खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जो फैट को तेजी से घटाती है।

डाइट में सुधार करें — फलों, हरी सब्जियों और दालों को बढ़ाएं।

जंक फूड, चीनी और ज्यादा तले खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें। इन सरल आदतों से न सिर्फ आपकी गर्दन की मोटाई कम होगी, बल्कि दिल मजबूत, ब्लड प्रेशर सामान्य और शुगर कंट्रोल में रहेगी।

आपका शरीर हमेशा आपको संकेत देता है  बस ज़रूरत है उन्हें समझने की। अगर आपकी गर्दन मोटी हो रही है, तो इसे केवल सौंदर्य का मुद्दा न मानें। यह आपके दिल की सेहत, ब्लड शुगर लेवल और भविष्य के हार्ट अटैक की चेतावनी हो सकती है।
समय रहते सतर्क रहिए, थोड़ा नापिए, थोड़ा संभलिए  और लंबी उम्र का आनंद लीजिए।

  
 


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Content Editor

Priya Yadav

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