सांस रुकने की शिकायत पर धर्मेंद्र हुए भर्ती: डॉक्टरों का कहना ये, 10 लोग रहें सबसे ज्यादा सावधान
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 11:22 AM (IST)
नारी डेस्क: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र को हाल ही में सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत अब स्थिर है और वे लगातार मेडिकल टीम की निगरानी में हैं। धर्मेंद्र की उम्र 89 साल है और इस उम्र में वे कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
हाल ही में वे अपने नियमित हेल्थ चेकअप के लिए अस्पताल गए थे। डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी कि रोज़-रोज़ अस्पताल आने-जाने से थकान बढ़ सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि कुछ दिन अस्पताल में रहकर ही सारे टेस्ट करवा लिए जाएं। इसी दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसके बाद उन्हें तुरंत डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक धर्मेंद्र का हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और अन्य सभी पैरामीटर सामान्य हैं और उनकी स्थिति पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है।
सांस से जुड़ी बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं?
आजकल दुनियाभर में श्वसन यानी सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं बढ़ता प्रदूषण, बदलती जीवनशैली, कमजोर इम्यून सिस्टम और धूम्रपान या धूल-धुएं का संपर्क। इन कारणों से अब हल्की खांसी-जुकाम जैसी साधारण समस्याएं भी कई बार गंभीर रूप ले लेती हैं।लोगों में आजकल अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, COPD, फेफड़ों का संक्रमण (न्यूमोनिया) जैसी बीमारियां बहुत आम होती जा रही हैं। अगर इन बीमारियों का समय पर इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
क्या होती हैं श्वसन समस्याएं?
श्वसन समस्याएं तब होती हैं जब हमारे फेफड़े या सांस की नलियां किसी कारण से कमजोर, सूज जाती हैं या उनमें संक्रमण हो जाता है। शरीर को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिसे हम सांस के जरिए अंदर लेते हैं। जब फेफड़ों में कोई दिक्कत हो जाती है तो ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। यही स्थिति श्वसन समस्या कहलाती है।
मुख्य श्वसन बीमारियां
सांस की तकलीफ पैदा करने वाली बीमारियों में सबसे आम हैं अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया और COPD। अस्थमा में सांस फूलना और सीटी जैसी आवाज़ के साथ सांस लेने की दिक्कत होती है। ब्रोंकाइटिस में सांस की नलियों में सूजन आ जाती है और बलगम बनने लगता है। न्यूमोनिया में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है जिससे तेज बुखार और सीने में दर्द होता है। COPD (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) एक लंबी चलने वाली बीमारी है जिसमें व्यक्ति को लगातार सांस लेने में कठिनाई होती है और थकान महसूस होती है।
श्वसन बीमारियों के लक्षण
इन बीमारियों के लक्षणों में लगातार खांसी आना, सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न, बलगम बनना, थकान और बुखार शामिल हैं। कुछ गंभीर मामलों में होंठ या त्वचा का नीला पड़ना, रात में सांस रुकने जैसा महसूस होना, या बार-बार खांसी के तेज दौरे भी हो सकते हैं। अगर किसी को ये लक्षण लगातार महसूस हों, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

किसे ज्यादा खतरा होता है?
सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा कुछ लोगों में ज्यादा होता है। इनमें धूम्रपान करने वाले, बुज़ुर्ग और बच्चे, एलर्जी या अस्थमा वाले व्यक्ति, पालतू जानवर रखने वाले, प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले मरीज शामिल हैं। इसके अलावा डायबिटीज या हृदय रोग से पीड़ित लोगों में भी श्वसन रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन सभी लोगों को खास सतर्कता बरतनी चाहिए और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए।
धर्मेंद्र की हालत अब स्थिर है और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी देखभाल कर रही है। उनकी इस स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, खासकर फेफड़ों और सांस से जुड़ी सेहत के मामले में। प्रदूषण से बचाव, संतुलित आहार, नियमित व्याया

