Dev Uthani Ekadashi: भगवान विष्णु के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो न करें ये गलतियां
punjabkesari.in Saturday, Oct 29, 2022 - 04:35 PM (IST)
हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है। कार्तिक मास की एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह वही दिन है जब भगवान विष्णु 4 महीने की लंबी नींद के बाद जागते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों कि सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते हैं। लेकिन शास्त्रों में इस दिन को लेकर कुछ विशेष नियम बताए हैं। जिनका पालन करना व्यक्ति के लिए आवश्यक है और अगर ऐसा न किया जाए तो व्यक्ति को पाप का भागीदार बनना पड़ता है। तो आइए जानते हैं देवउठनी ग्यारस पर किन कार्यों से बचना चाहिए और क्या करना चाहिए।
तुलसी का पत्ता न तोड़ें
देवउठनी एकादशी के दिन श्री विष्णु के साथ-साथ देवी तुलसी की पूजा भी की जाती है। इस दिन तुलसी जी का विवाह शालीग्राम के साथ कराया जाता है। कहते हैं कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है इसलिए आज के दिन भूलकर भी तुलसी का पत्ता न तोड़ना चाहिए।
इन चीजों का न करें सेवन
इस दिन सात्विक जीवन जीना चाहिए। प्याज, लहसुन, अंडा, मास, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। साथ ही, ब्राह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए।
चावल नहीं खाएं
धार्मिक मान्यताओं अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही होती है। तो वहीं देवउठनी एकादशी सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है। ऐसे में इस दिन गलती से भी चावल न खाएं।
बुजर्गों का सम्मान करें
घर में शांति का माहौल बनाकर रखना चाहिए। ध्यान रखें कि इस दिन बड़े-बजुर्गों का भूलकर भी अनादर न हो। कहा जाता है कि इस दिन घर का माहौल खराब करने से माता लक्ष्मी रुठ सकती हैं और अपनी कृपादृष्टि हम पर से हटा लेती हैं।
दिन में सोने से बचें
देवोत्थान या फिर देवउठनी एकादशी का दिन काफी खास होता है। इस दिन पूजा-पाठ आदि करके दिन का सद्उपयोग करना चाहिए, ताकि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद हम पर सदैव बना रहे। धार्मिक शास्त्रों में इस दिन में सोना वर्जित बताया गया है। इस दिन अधिक से अधिक नारायण के मंत्रों का जाप करना चाहिए और गीता का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
देवउठनी एकादशी पर करें ये काम
एकादशी के दिन ज्यादा से ज्यादा नारायण के मंत्र, गीता का पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, भगवान के भजन, सत्यनारायण की कथा आदि करना चाहिए। हालांकि बीमार और असमर्थ लोगों के लिए यह नियम जरूरी नहीं है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन दान-पुन करना बहुत अच्छा होता है। अगर हो सके तो एकादशी के दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। अगर विवाह करने में परेशानी आ रही है तो इन बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला और हल्दी का दान करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के अलावा मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है। मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।