गोद में लिए इधर-उधर घूमता रहा पिता, डॉक्टरों की लापरवाही ने ली मासूम की जान
punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 04:41 PM (IST)
जहां एक तरफ कोरोना ने दुनियाभर में तबाही मचा रखी है वहीं डॉक्टर्स बिना थके और रुके मरीजों अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ कुछ डॉक्टर कोरोना के चलते दूसरें मरीजों को छूने से भी डर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें डॉक्टरों की इसी लापरवाही ने एक 5 महीने की बच्ची की जान ले ली।
इलाज ना मिलने से 5 महीने की बच्ची की मौत
दरअसल, यह मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले (Barabanki district) का है, जहां एक बच्चे ने अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। दरअसल, लखनऊ से 40 कि.मी. दूर स्थित बाराबंकी जिले के रहने वाले एक शख्स का कहना है कि वह अफनी 5 महीने की बच्ची को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल लेकर गया था लेकिन वह करीब 5 घंटे तक हॉस्पिटल के बाहर बच्ची को गोद में लिए इंतजार करता रहा लेकिन इलाज के लिए कोई भी डॉक्टर आगे नहीं आया।
गोद में लिए इधर-उधर घूमता रहा पिता
कोतवाली बदोसरायं के गांव तासीपुर के रहने वाली संदीप कुमार शुक्ला का कहना है कि उसकी 5 महीने की बेटी नित्या घर की तख्ती पर सोते-सोते नीचे गिरकर बेहोश हो गई। इसके बाद परिवार वाले उसे तुरंत नजदीक के सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए लेकिन पिता गोद में नन्ही जान को लेकर इधर-उधर भटकता रहा।
पिता की बाहों में तोड़ा बच्ची ने दम
उन्होंने इमरजेंसी डॉक्टरों को भी खोजा लेकिन इलाज करने वाला कोई नहीं मिला। इंतजार, लापरवाही और इलाज ना मिलने के बाद बच्ची ने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। इसपर बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीकेएस चौहान का कहना है कि हॉस्पिटल आने से पहले ही उस बच्चे की मौत हो चुकी थी।
कोरोना के डर से नहीं किया इलाज
बच्ची के पिता का कहना है कि हॉस्पिटल में सभी कोरोना के डर से उसे हाथ लगाने से डर रहे थे लेकिन वो सिर्फ तख्ती से गिर गई थी। डर की वजह से इलाज के लिए कोई आगे नहीं आया। इसके बाद परिसर में हंगामा हो गया, जिसे पुलिस ने आकर शांत करवाया। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जो भी आरोपी पाया जाएगा उसे कड़ी सजा मिलेगी।