देशभर के अलग-अलग शहरों में ऐसे मनाया जाता है दशहरा, यहां जानिए खास परंपराएं
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 03:16 PM (IST)

नारी डेस्क : नवरात्रि का शुभ पर्व शुरू हो चुका है और पूरा देश त्योहारों की खुशियों में डूबा हुआ है। नवरात्रि का समापन दशहरे के दिन होता है, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। देशभर में इसे अलग-अलग परंपराओं और अंदाज में मनाया जाता है। कहीं रामलीला और रावण दहन की धूम होती है, तो कहीं दुर्गा पूजा और सिंदूर खेला का आयोजन। आदिवासी इलाकों में यह पर्व अपने अनोखे रीति-रिवाजों के लिए खास है। आइए जानते हैं, भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों में यह त्योहार कैसे मनाया जाता है।
दिल्ली में रामलीला और रावण दहन
दिल्ली में दशहरा का मुख्य आकर्षण रामलीला है। इसमें भगवान राम की कथा मंचित की जाती है और अंत में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं। लाल किला, द्वारका और रामलीला मैदान जैसे स्थानों पर लाखों लोग इस आयोजन को देखने पहुंचते हैं।
कोलकाता में दुर्गा पूजा और सिंदूर खेला
कोलकाता में दशहरा दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान सजे-धजे पंडालों में देवी दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं की पूजा होती है। विजयादशमी के दिन विवाहित महिलाएं सिंदूर खेला की परंपरा निभाती हैं और फिर देवी की प्रतिमाओं का हुगली नदी में विसर्जन किया जाता है।
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कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में अंतरराष्ट्रीय दशहरा महोत्सव
कुल्लू का दशहरा महोत्सव दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह रघुनाथ जी की पूजा से शुरू होता है और इसमें देवी-देवताओं की पालकियां लाई जाती हैं। इस दौरान नृत्य-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इस वर्ष इसे हिमाचल में हाल की प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों को समर्पित किया गया है।
मैसूर (कर्नाटक) में दशहरा और जंबो सवारी
मैसूर का दशहरा कर्नाटक की शान है। मैसूर पैलेस को रोशनी से सजाया जाता है और ऐतिहासिक जंबो सवारी जुलूस निकाला जाता है, जिसमें सजे-धजे हाथी, बैंड और पारंपरिक नृत्य शामिल होते हैं।
गुजरात में गरबा और दांडिया
गुजरात में नवरात्रि का रंग सबसे खास होता है। नौ दिनों तक गरबा और दांडिया नाइट्स आयोजित की जाती हैं। अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में यह उत्सव बेहद खास माहौल बनाता है।
बस्तर (छत्तीसगढ़) में सबसे लंबा दशहरा
बस्तर का दशहरा भारत का सबसे लंबा दशहरा महोत्सव है, जो 75 दिनों तक चलता है। यहां देवी दंतेश्वरी की पूजा, पाटा यात्रा, निशा यात्रा और मुरिया दरबार जैसी परंपराएं देखने को मिलती हैं।
उत्तर प्रदेश में रामलीला और रावण दहन
वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में भव्य रामलीलाएं होती हैं। यहां के कलाकार पूरे उत्साह से रामायण के पात्रों का अभिनय करते हैं और रावण दहन के दृश्य दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
दशहरा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की विविध संस्कृति और एकता का संदेश देने वाला पर्व है। अगर आप देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनते देखेंगे, तो आपको भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का अहसास होगा।