वैज्ञानिकों ने बनाई सिंगल-डोज वैक्सीन, एक बार लेने से ही खत्म होगा कोरोना!

punjabkesari.in Tuesday, Jan 12, 2021 - 02:28 PM (IST)

दुनिया में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस के खिलाफ अब हर देश ने कमर कस ली है। इसके लिए तमाम कंपनियों ने इसकी वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी वायरस से पूरी तरह से तो छुटकारा नहीं मिल पाया है लेकिन इस वायरस पर लगातार शोध किए जा रहे हैं। अब तक तो इस वायरस के लिए कईं तरह की वैक्सीन भी आ चुकी हैं कुछ जहां अच्छा रिस्पॉन्स कर रही हैं तो वहीं कुछ से इसके साइड इफैक्ट भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने नैनोपार्टिकल नाम की एक वैक्सीन बनाई है जिसकी सिर्फ एक खुराक से ही कोरोना का काम तमाम हो जाएगा। तो चलिए आपको इस वैक्सीन के बारे में बताते हैं। 

वैक्सीन के प्रभाव का पता चलेगा 

दरअसल मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में नैनोमटेरियल वैक्सीन बनाई है जो कि बेस्ड बायोसेंसिंग प्लेटफॉर्म बेस्ड है। यह वैक्सीन इसलिए खास है क्योंकि इससे कुछ ही देर में यह पता चल सकेगा कि कोरोना से बचने के लिए क्या शरीर में एंटीबॉडी बने है या नहीं। इतना ही नहीं यह टीका इसलिए भी कारगर बताया जा रहा है क्योंकि इससे वैक्सीन के प्रभाव के बारे में भी सही जानकारी मिलेगी।

PunjabKesari

कैसे काम करती है वैक्सीन?

इस शोध का हिस्सा रहे राहुल पनात ने बताया कि इस वैक्सीन में थ्री-डी प्रिटिंग की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस डिवाइस से और इस तकनीक से कोरोना की एंटीबॉडी की पहचान करने में मदद मिलेगी। दरअसल इस तकनीक से टेस्टिंग प्लेटफॉर्म से खून की छोटी बूंद में वायरस की दो एंटीबॉडी- स्पाइक S1 प्रोटीन और रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन की मौजूदगी का भी पता लगाया जा सकता है। 

एक खुराक के बाद ही कोरोना होगा खत्म 

आपको बता दें कि एक अन्य शोध में यह भी पाया गया कि नैनोपार्टिकल वैक्सीन सिर्फ एक खुराक के बाद ही कोरोना वायरस को खत्म कर देती है और वह एंटीबॉडी प्रतिक्रिया भी पैदा करती है।

PunjabKesari

चूहों पर आजमाई थी वैक्सीन 

इस शोध में यह वैक्सीन चूहों पर भी आजमाई गई है और यह सफल रही। शोध के मुताबिक सिंगल डोज लेने के बाद ही चुहों में वायरस से रिकवर हो चुके कॉन्वालेसेंट प्लाज्मा से दोगुना ज्यादा एंटीबॉडी बनी है। फिर इसके बाद 21 दिन बाद जब उन्हें दूसरा डोज दिया गया तो एंटीबॉडी की संख्या बढ़ गई। हालांकि, अभी इन्हे इंसानों पर होने वाले क्लीनिकल ट्रायल्स में साबित होना बाकी है। जब यह इंसानों पर किया जाएगा तभी पता चलेगा कि यह कितना असरदार है। 

PunjabKesari

एंटीबॉडी क्या है?

दरअसल एंटीबॉडी शरीर का वो तत्व होता है, जिसका निर्माण हमारा इम्यून सिस्टम शरीर में वायरस को बेअसर करने के लिए पैदा करता है। जब आपके शरीर में संक्रमण होता है तो उसके बाद एंटीबॉडीज बनने में कईं बार एक हफ्तों तक का भी समय लग जाता है। एंटीबॉडी दो प्रकार के होते हैं। पहला एंटीबॉडी हैं - आईजीएम (इम्यूनोग्लोबुलिन एम) और आईजीजी (इम्यूनोग्लोबुलिन जी)। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Janvi Bithal

Related News

static