नवजात में नहीं रहेगा कोरोना का डर, प्रेग्नेंट महिलाओं से शिशु को मिलेगी एंटीबॉडीज
punjabkesari.in Wednesday, Mar 03, 2021 - 12:38 PM (IST)
कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रह वहीं, इसे लेकर वैज्ञानिक नए-नए शोध कर रहे हैं। इसी बीच एक नया शोध सामने आया है, जिसके मुताबिक, गर्भवती महिलाएं शिशुओं को कोरोना से सुरक्षित रख सकती हैं। दरअसल, शोध में दावा किया गया है कि गर्भवती महिलां से बच्चों में एंटीबॉडी ट्रांसफर हो सकता है, जो कोरोना से बचाने में मददगार है।
प्रेग्नेंट महिलाओं से शिशु को मिलेगी एंटीबॉडीज
वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रेग्नेंट महिलाएं कोरोना संक्रमित होने के बाद ऐसे सुरक्षात्मक एंटीबॉडीज पैदा करती हैं जो गर्भनाल के जरिए शिशु तक पहुंच जाती है। यही प्राकृतिक प्रतिरक्षा भ्रूण को तमाम बीमारियों से बचाने में मदद करती है। बता दें कि गर्भनाल ही वह जरिया है जिससे सभी पोषक तत्व महिला से भ्रूण तक पहुंचते हैं।
क्या वैक्सीन लगाना सही
चूंकि अब महिलाएं शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंचा सकती है इसलिए वैज्ञानिक मान रहे हैं कि माताओं को कोरोना टीका लगाना फायदेमंद हो सकता है। संभावना है कि महिलाएं वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडीज को भी बच्चे तक पहुंचाने में कारगार साबित होगी। इस शोध में 88 महिलाओं पर किए गए अध्ययन के आधार पर यह नतीजा निकाला गया है।
खून में एंटीबॉडीज मिलने का संकेत
अध्ययन के मुताबिक, महिलाओं के शरीर में एंटीबॉडी मिलना इस बात का सबूत है कि वो कभी ना कभी वायरस की गिरफ्त में आई होंगी। भले ही 58% महिलाओं में कोरोना के लक्षण ना दिखे हो लेकिन एंटीबॉडी लक्षण और बिना लक्षण दोनों तक महिलाओं में पाई गई है। हालांकि सिम्प्टोमैटिक यानि कोरोना संक्रमित महिलाओं में एंटीबॉडी का स्तर अधिक था।
क्या मां से शिशु को हो सकता है कोरोना?
कुछ समय पहले कोरोना का एक केस सामने आया था जिसमें गर्भवती मां ने कोरोना संक्रमित बच्चे को जन्म दिया था। एक्सपर्ट के मुताबिक, वायरस गर्भवती महिलाओं की प्लैसेंटा, ब्रेस्ट मिल्क और वैजाइना में मौजूद हो सकता है, जिसके जरिए वो गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंच सकता है।
ब्रेस्टफीडिंग करवाना कितना सेफ?
WHO के अनुसार, नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय भी कोरोना हो सकता है। ऐसे में शिशु को छूने से पहले अच्छी तरह हाथ धोएं। महिला साफ-सुथरे कपड़े पहनें और ब्रेस्टफीडिग करवाते समय मास्क लगाएं। साथ ही खांसते व छींकते समय अपना मुंह दूसरी तरह घुमा लें।