WHO का बड़ा खुलासा! चमगादड़ों की गुफा में गए थे चीनी वैज्ञानिक, काटने से हुए कोरोना संक्रमित
punjabkesari.in Monday, Jan 18, 2021 - 01:33 PM (IST)
दुनियाभर में तबाही मचा चुका कोरोना वायरस पिछले साल चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था। इसी सिलसिले में WHO की एक टीम कोरोना वायरस के स्त्रोत का पता लगाने के लिए वुहान पहुंची, जहां से उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया है।
कोरोना वायरस को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
दरअसल, वुहान लैब के वैज्ञानिकों ने कबूल किया है कि जब वो चमगादड़ों का नमूना लेने के लिए एक रहस्यमय गुफा में गए थे, तब उन्हें कुछ चमगादड़ों ने काट लिया था। यही नहीं, चीनी वैज्ञानिकों की लापरवाही का एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है, जिसमें यह खुलासा किया गया है। हालांकि यह वीडियो काफी पुराना है।
चीनी वैज्ञानिकों की लापरवाही दुनिया को पड़ी भारी
खबरों के मुताबिक, उसी रहस्यमयी जगह को संक्रमित चमगादड़ों का घर कहा जा रहा है। बता दें कि वायरल हो रहा वीडियो काफी पुराना है, जिसे सरकारी चैनल CCTV पर करीब 2 साल पहले दिखाया गया था। वीडियो में वैज्ञानिक चमगादड़ों की गुफा में सैंपल ले रहे हैं लेकिन इस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती गई। वैज्ञानिकों ने WHO के सुरक्षा मानकों तक का पालन नहीं किया, जिसके बाद संक्रमित चमगादड़ों ने उन्हें काट लिया।
टी शर्ट पहनकर इकट्ठा कर रहे थे चमगादड़ के मल
वीडियो में वैज्ञानिक चमगादड़ों के संक्रामक मल को सिर्फ टी-शर्ट पहनकर इकट्ठा करते हुए नजर आ रहे हैं। वुहान लैब के शोधकर्ता ने कहा, 'चमगादड़ के जहरीले दांत मेरे रबर के दस्ताने में घुस गए और ऐसा लगा जैसे मेरे हाथ में सूई घुस रही हो।'
सार्स के मूल वायरस का पता लगाने गए थे वैज्ञानिक
खबरों के अनुसार, वैज्ञानिक सार्स के मूल वायरस का पता लगाना चाहते थे, जिसके लिए वह गुफा में चमगादड़ों को पकड़ने के लिए गए थे। उस समय उन्होंने कोई PPE किट नहीं पहनी थी। रबर के दस्ताने पहनने के बाद भी जब चमगादड़ ने वैज्ञानिक को काटा तो वह लैब के अंदर खुले हाथों से काम करते रहें।
चीन की 'बैट वूमन' ने चमगादड़ पर बघारी शेखी
बता दें कि पहले इस वीडियो को चाइना सांइस एक्सप्लोरेशन सेंटर दिवारा पोस्ट किया गया था लेकिन बाद में चीन ने सेंसर कर दिया। वीडियो में चीन की 'बैट वूमन' ने कहती दिख रही हैं, 'ये काम इतना खतरनाक नहीं है जितना लोग सोचता हैं। यह बात सही है कि चमगादड़ में कई तरह के वायरस होते हैं लेकिन उससे सीधे इंसान को संक्रमित करने का खतरा काफी कम होता है।
वीडियो के सामने आने के बाद लोगों की आशंका है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ही वायरस को लैब तक लाने के संवाहक बनें।