सभी माता-पिता जरूर ध्यान दें ! अब बिना डॉक्टर पर्चे के नहीं मिलेंगे बच्चों के Cough Syrups
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 05:24 PM (IST)

नारी डेस्क: केरल स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को आदेश दिया कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को डॉक्टर के पर्चे के बिना कोई दवा नहीं दी जानी चाहिए। यह कदम कुछ कफ सिरप संबंधी चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज नेएक उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार ने बच्चों में खांसी की दवाओं के इस्तेमाल का अध्ययन करने के लिए तीन-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है और उसे तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
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बारह साल से कम उम्र के बच्चों को डॉक्टर के पर्चे के बिना दवाइयां न देने का सख्त निर्देश जारी करते हुए जॉर्ज ने कहा कि पुराने पर्चे पर भी दवाइयां नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा-‘‘इस संबंध में औषधि नियंत्रक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और जागरूकता प्रयासों को भी मजबूत किया जाएगा। चूंकि बच्चों के लिए दवाइयां उनके शरीर के वजन के अनुसार निर्धारित की जाती हैं, इसलिए एक बच्चे को दी गई दवा दूसरे बच्चे को नहीं दी जानी चाहिए। ऐसा करने से लाभ से अधिक नुकसान हो सकता है।'' बयान में कहा गया है कि चिकित्सकों ने बैठक में बताया कि केरल में कफ सिरप को लेकर बच्चों से संबंधित कोई समस्या सामने नहीं आई है। इसमें यह भी कहा गया है कि लोगों की समझ बढ़ाने और चिंताओं को दूर करने के लिए कड़े जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
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केरल के बाहर कोल्ड्रिफ सिरप के एसआर-13 बैच में गड़बड़ी पाए जाने की खबरों के बाद, औषधि नियंत्रण विभाग ने राज्य में इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। दवाओं का यह बैच तमिलनाडु, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी में वितरित किया गया था। राजस्थान में, एक अन्य कंपनी के कफ सिरप में भी गड़बड़ी पाई गई है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हाल ही में एक 'विषाक्त' कफ सिरप के सेवन से संदिग्ध तौर पर गुर्दे खराब होने से चौदह बच्चों की मौत हो गई। बयान में कहा गया है- ‘‘यह पुष्टि हो गई है कि दिक्कत वाले इन बैच की (सिरप की) बिक्री केरल में नहीं हुई है। कोल्ड्रिफ दवाएं केरल में आठ वितरकों के माध्यम से बेची जाती हैं। अब उनकी आपूर्ति और बिक्री रोक दी गई है।''