राधा अष्टमी विशेष: असंभव को भी संभव कर देगा श्रीकृष्‍ण की प्रिय राधा के 108 चमत्कारी नामों का जप

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2024 - 09:38 AM (IST)

नारी डेस्क: माना जाता है कि राधा रानी के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी। राधा अष्टमी पर विधि-विधान पूर्वक राधा जी की पूजा-अर्चना और व्रत करने से भगवान कृष्ण बेहद प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आज आप इस खास दिन में राधा रानी के 108 नामों का जप कर सकते हैं, जो भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी और पवित्र माना जाता है। इन नामों का उच्चारण करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। राधा रानी प्रेम, भक्ति, और करुणा की मूर्ति मानी जाती हैं, और उनके नामों का जप करने से श्रीकृष्ण के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
 

राधा रानी के 108 नाम


राधा - भक्ति की सर्वोच्च देवी
वृन्दावनेश्वरी - वृन्दावन की रानी
गोपिका - प्रिय चरवाहा लड़की
कृष्ण प्रिया - भगवान कृष्ण की प्रिय
मुक्तिका - मुक्ति प्रदान करने वाली
गोलोक वृंदा - गोलोक की अधिष्ठात्री (कृष्ण का निवास)
राधिका- आदरणीय
वृषभानुजा - राजा वृषभानु की पुत्री
ब्रजेश्वरी-ब्रज की रानी
गोपेश्वरी - गोपों की रानी (चरवाहे लड़के)
राधेश्वरी - राधा की देवी
गोपिका प्रिया - प्रिय गोपिका
श्यामा - साँवले रंग की सुन्दरी
प्रेमलता - दिव्य प्रेम की लता
गोविंदा आनंदिनी - भगवान गोविंदा की प्रसन्नता
वृन्दावन सुन्दरी - वृन्दावन की सुन्दरता
नंदिनी - नंद की बेटी (कृष्ण के पिता)
गोविंदा कांता - भगवान गोविंदा के प्रेमी
मृदुला - सौम्य और दयालु
गोपीश्वर - गोपियों की रानी (ग्वालियाँ)
वृषभानु तनया - राजा वृषभानु की पुत्री
यशोदा नंदिनी - माता यशोदा की पुत्री
व्रजेश्वरी - व्रज की देवी (कृष्ण का निवास)
रासेश्वरी - दिव्य प्रेम की रानी
युगलप्रिया - दिव्य युगल (राधा-कृष्ण) के प्रेमी
किशोरी - युवा युवती
रति प्रिया - कामुक इच्छाओं की प्रिय
वृन्दावनेश्वरी - वृन्दावन की शासक
प्रिया सखी - प्रिय सखी
वृंदा प्रिया - दिव्य तुलसी के पौधे की प्रिय
ह्लादिनी - आनंद का स्रोत
रस मंडल - दिव्य प्रेम का केंद्र
गोविंदा कांता - भगवान गोविंदा के प्रेमी
वृन्दावन ईश्वरी - वृन्दावन की देवी
रासेश्वरी - दिव्य प्रेम की रानी
मदन मोहिनी - प्रेम के देवता (काम) को मंत्रमुग्ध करने वाली
केली कुहुक्षी - चंचल मनोरंजन की चाह
राधिका प्रिया - राधा की प्रियतमा
ब्रजेंद्र नंदिनी - ब्रज के राजा की बेटी (कृष्ण की भूमि)
वृन्दावन शोभा - वृन्दावन की सुन्दरता
प्रेमसखी - दिव्य प्रेम की मित्र
विशाखा प्रिया - विशाखा की प्रेमिका (एक गोपी मित्र)
नंदा नंदिनी - नंदा की बेटी (कृष्ण के पिता)
नित्य पराक्रम - शाश्वत रूप से बहादुर
राधा वल्लभ - राधा की प्रेमिका
श्यामा प्रिया - प्रिय श्याम (कृष्ण)
रासेश्वरी - दिव्य प्रेम की रानी
वृषभानुजा तनया - राजा वृषभानु की बेटी
गोकुलाधिपिका - गोकुल का प्रकाशक
वृन्दावन सुता - वृन्दावन की पुत्री
गोपी जननंदिनी - गोपी के दिलों की खुशी
राधा वेणु नादिनी - राधा की बांसुरी की धुन
मुरली मनोहर - भगवान कृष्ण की बांसुरी के मंत्रमुग्ध
युगलप्रिया - दिव्य युगल (राधा-कृष्ण) के प्रेमी
राधिका वल्लभ - राधिका की प्रियतमा
प्रेममय - दिव्य प्रेम का अवतार
राधा सुंदरी - सुंदर राधा
वृन्दावनेश्वरी - वृन्दावन की रानी
मधुरिका - सबसे प्यारी
गोपवल्लभ - ग्वालों के प्रिय
वृंदा केलि कला - वृन्दावन की लीला कला
राधा वेणु नादिनी - राधा की बांसुरी की धुन
माधव प्रिया - भगवान माधव (कृष्ण) की प्रिय
वृन्दावन सुता - वृन्दावन की पुत्री
रस मनोहर - दिव्य प्रेम का करामाती
कृष्ण कांता - भगवान कृष्ण के प्रेमी
राधा पीयूषा वर्षिनी - राधा के प्रेम के अमृत की दाता
राधा प्रिया - राधा की प्रिय
श्यामा सुंदरी - सुन्दर साँवले रंग की युवती
केली कुहुक्षी - चंचल मनोरंजन की चाह
राधा भव - राधा का सार
वृन्दावन ईश्वरी - वृन्दावन की देवी
राधा वरदाय - राधा के आशीर्वाद के दाता
रस तरंगिणी - दिव्य प्रेम की धारा
गोपिका प्रिया - गोपिकाओं की प्रिय
राधा वेणु नादिनी - राधा की बांसुरी की धुन
श्यामा प्रिया - प्रिय श्याम (कृष्ण)
गोकुलप्रिया - गोकुल का प्रिय
नित्य पराक्रम - शाश्वत रूप से बहादुर
राधा वल्लभ - राधा की प्रेमिका
प्रेमलता - दिव्य प्रेम की लता
राधिका प्रिया - राधा की प्रियतमा
गोपिका प्रिया - प्रिय गोपिका
वृषभानुजा तनया - राजा वृषभानु की बेटी
कृष्ण प्रिया - भगवान कृष्ण की प्रिय
राधा कृष्ण सम्पन्न - भगवान कृष्ण के साथ संयुक्त
राधा कांता - राधा का प्रेमी
मुरली मनोहर - भगवान कृष्ण की बांसुरी के मंत्रमुग्ध
वृन्दावन सुता - वृन्दावन की पुत्री
रस मनोहर - दिव्य प्रेम का करामाती
गोविंदा कांता - भगवान गोविंदा के प्रेमी
वृन्दावनेश्वरी - वृन्दावन की शासक
मदन मोहिनी - प्रेम के देवता (काम) को मंत्रमुग्ध करने वाली
केली कुहुक्षी - चंचल मनोरंजन की चाह
राधा वल्लभ - राधा की प्रेमिका
वृन्दावन सुन्दरी - वृन्दावन की सुन्दरता
प्रिया सखी - प्रिय सखी
विशाखा प्रिया - विशाखा की प्रेमिका (एक गोपी मित्र)
नंदा नंदिनी - नंदा की बेटी (कृष्ण के पिता)
वृंदा प्रिया - दिव्य तुलसी के पौधे की प्रिय
ह्लादिनी - आनंद का स्रोत
राधा वल्लभ - राधा की प्रेमिका
मदन मोहिनी - प्रेम के देवता (काम) को मंत्रमुग्ध करने वाली
केली कुहुक्षी - चंचल मनोरंजन की चाह
राधिका प्रिया - राधा की प्रियतमा
ब्रजेंद्र नंदिनी - ब्रज के राजा की बेटी (कृष्ण की भूमि)
वृन्दावन शोभा - वृन्दावन की सुन्दरता
प्रेमसखी - दिव्य प्रेम की मित्र


राधा रानी के 108 नामों के जप का लाभ:

- राधा रानी के नामों का जप करने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।
 
-नामों का जप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। व्यक्ति की चिंता, तनाव, और दुःख दूर होते हैं।

- राधा रानी प्रेम और भक्ति की देवी हैं, उनके नामों का जप करने से व्यक्ति के भीतर भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना प्रबल होती है।

-राधा रानी श्रीकृष्ण की अनन्य प्रिय हैं। उनके नामों का जप करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

- राधा रानी की भक्ति से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। वे अपने भक्तों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाती हैं।

-राधा रानी के नामों का जप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। भक्त को संसार के मोह-माया से मुक्ति मिलती है।

राधा रानी के नामों का जप अत्यंत सरल, मधुर और प्रभावशाली है, और यह व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकता है।


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vasudha

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