सर्वाइकल कैंसर के 6 लक्षणों को किया इग्नोर तो खतरे में पड़ जाएगी जान

punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2020 - 04:46 PM (IST)

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को बहुत तेजी से अपना शिकार बना रहा है। दुख की बात यह है कि इसका पता महिलाओं को बहुत देर से चलता है। आज तक भारत में सर्वाइकल कैंसर के 90 हजार मामले देखने को मिले हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं मौत की चपेट में आ चुकी हैं। ऐसे में जरुरी है 30 की उम्र पार करने के बाद आप रुटीन में अपना चेकअप करवाएं, ताकि समय रहते इस प्रॉब्लम का हल निकाला जा सके। आइए जानते हैं क्यों होता है सर्वाइकल कैंसर और इससे बचने के तरीके...

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सर्वाइकल कैंसर होने का कारण

असल में कैंसर क्यों होता है, इस बात की पुष्टि अब तक पूरी तरह से नहीं हो पाई है। मगर जहां तक हेल्थ एक्सपर्टस की राय है, यह बीमारी हवा में बढ़ रहे प्रदूषण, दूषित पानी, जरुरत से ज्यादा स्ट्रेस और गुस्सा करने से होती है। जंक फूड भी कहीं न कहीं इसकी खास वजह माना जा रहा है, तभी तो यह समस्या विदेशों में भी खास देखने को मिल रही है।

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

-पीरियड्स के बाद या पहले बेवजह ब्लीडिंग होना।
-पिंक डिस्चार्ज
-पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द (कई बार यह दर्द पेट में गैस की वजह से भी हो सकती है।)
-पेट में भारीपन
-एक दम से वजन कम होना
-एनीमिया (खून की कमी)

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बचाव के तरीके...

 

धूम्रपान छोड़ें

जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उनमें यह समस्या अन्य महिलाओं के मुकाबले कम देखने को मिलती है। ऐसे में यदि आप सर्वाइकल कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचना चाहती हैं तो आज से ही शराब, सिगरेट और अन्य नशीली चीजों का सेवन छोड़ दें। हार्ड ड्रिंक्स के साथ-साथ सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन भी इस कैंसर की वजह बनता है। जितना हो सके सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन भी कम से कम करें।

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नींद पूरी लें

खान-पान के साथ-साथ मेंटल स्ट्रेस लेने से भी महिलाओं को यह समस्या हो रही है। मेंटल स्ट्रेस से बचने के लिए अपनी 8 घंटे की नींद पूरी करें। जितना हो सके पॉजिटिव रहें, घर और ऑफिस की परेशानियों से खुद को जितनी जल्दी हो सके दूर कर लें।

रुटीन में करवाएं पैप टेस्ट

पैप टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जिसकी मदद से सर्वाइकल कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ा जा सकता है। इस टेस्ट में गर्भाश्य की पूरी जांच की जाती है, जिससे पता चलता है, गर्भाश्य में पैदा होने वाला ग्रीवा कितनी स्पीड से निर्मित हो रहा है। साथ ही माइक्रोस्कोप की मदद से पता किया जाता है कि गर्भाश्य में पैदा होने वाले सेल्स कहीं कैंसर से ग्रसित तो नहीं। 30 की उम्र के बाद हर महिला को इस टेस्ट के जरिए अपनी जांच रुटीन में करवाते रहना चाहिए। अगर आपकी फैमिली में पहले से कोई केस हो चुका है तो आज ही डॉक्टर के पास जाकर पैप टेस्ट करवाना न भूलें। 

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Content Writer

Harpreet

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