कैंसर ट्रीटमेंट के बीच मां बन पाना नहीं है असंभव, बस जान लीजिए बच्चे पर क्या पड़ेगा इसका असर

punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 02:14 PM (IST)

नारी डेस्क: गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित 32 वर्षीय एक महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है। महिला गर्भाशय के अंतिम स्टेज के कैंसर के इलाज के दौरान जीवनरक्षक उपचार ले रही थी। महिला का पहले गर्भपात हो चुका था। गर्भावस्था के दौरान वह महिला चिकित्सकों की नियमित निगरानी में थी। इलाज के दौरान चिकित्सकों को उसके दोनों अंडाशय में बड़े ट्यूमर का पता चला था। ऐसे में डॉक्टरों के लिए  मां का स्वास्थ्य और बच्चे का विकास सुनिश्चित करना एक चुनौती थी, यही वजह है कि चिकित्सकों ने एक उपचार योजना तैयार की। 
 

यह भी पढ़ें: Periods बंद होने के बाद महिलाओं पर अटैक करती है ये बीमारी


डॉक्टरों ने बताया कि भ्रूण के फेफड़ों के विकास में तेजी लाने के लिए सबसे पहले ‘स्टेरॉयड थैरेपी' दी गई। इसके बाद कैंसर को नियंत्रित करने के लिए तीन बार ‘नियोएडजुवेंट कीमोथैरेपी' दी गई, ताकि भ्रूण को विकसित होने के लिए अधिक से अधिक समय मिल सके। कीमोथैरेपी पूरी होने के बाद महिला को एक संयुक्त शल्य प्रक्रिया से गुजरना पड़ा जिसमें ऑपरेशन से शिशु का जन्म और गर्भाशय के कैंसर के लिए शुरुआती ‘डीबल्किंग सर्जरी' शामिल थी। ‘डीबल्किंग सर्जरी' की प्रक्रिया में कैंसरग्रस्त ट्यूमर को यथासंभव हटा दिया जाता है। ऑपरेशन सफल रहा, और एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ तथा कैंसरग्रस्त ट्यूमर को भी हटा दिया गया। सर्जरी के बाद मां को गहन देखभाल में रखा गया और तीन सप्ताह के भीतर वह अपने नवजात शिशु की देखभाल करने की स्थिति में आ गई। 

 

कैंसर के मरीज बच्चे पैदा कर सकते हैं?

कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही इलाज और सावधानियों के साथ कैंसर पीड़ित बच्चे पैदा कर सकते हैं,  लेकिन यह कैंसर के प्रकार, इलाज की प्रक्रिया और शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है।  अगर कैंसर शुरुआती स्टेज में है और प्रजनन अंगों को नुकसान नहीं हुआ है, तो प्रेग्नेंसी संभव है।  
 

यह भी पढ़ें: महाकुंभ के लिए पत्नी और मां के गहने रखे गिरवी और फिर कमा लिए 30 करोड़


 कैंसर का प्रजनन क्षमता पर असर

कैंसर का इलाज कई बार प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, खासकर इन प्रक्रियाओं से:  

 

इलाज का तरीका                                असर                         

 कीमोथेरेपी (Chemotherapy)     अंडाणु और शुक्राणु की गुणवत्ता कम हो सकती है।  
रेडिएशन थेरेपी                           प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।  
सर्जरी                                        गर्भाशय, अंडाशय या वृषण हटाने पर स्थायी रूप से असर पड़ सकता है।  
हार्मोनल थेरेपी                             प्रजनन हार्मोन को प्रभावित कर सकती है।  


 क्या कैंसर का असर बच्चे पर पड़ता है?

 अगर कैंसर माता-पिता में है, तो इसका प्रत्यक्ष असर बच्चे पर नहीं पड़ता।  लेकिन कुछ आनुवांशिक (Genetic) कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर या ओवेरियन कैंसर बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में  कैंसर पीड़ित माता गर्भधारण से पहले फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन कराए।  प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले पूरा इलाज खत्म करें और शरीर को रिकवर होने दें।  जीन टेस्टिंग (Genetic Testing) करवाएं, ताकि पता चल सके कि कैंसर आनुवांशिक है या नहीं।   डॉक्टर की निगरानी में गर्भधारण करें।  


 फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के तरीके
 
अगर कोई कैंसर का इलाज शुरू करने से पहले परिवार की योजना बनाना चाहता है, तो ये तरीके अपनाए जा सकते हैं:  

-अंडाणु या शुक्राणु जमा करना (Egg/Sperm Freezing)  
-भ्रूण को जमा करना (Embryo Freezing)  
-ओवरी टिशू फ्रीजिंग  
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static