क्या COVID से ठीक हो चुके मरीज अंगदान कर सकते हैं?
punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 10:56 AM (IST)

नारी डेस्क: हर साल 13 अगस्त को 'विश्व अंगदान दिवस' (World Organ Donation Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करना और इसके महत्व को समझाना होता है। इस साल की थीम है "Answering The Call", यानी ज़रूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना। कोरोना महामारी के बाद से लोगों के मन में कई सवाल उठे हैं, खासकर यह कि क्या कोविड-19 से ठीक हो चुके लोग सुरक्षित रूप से अंगदान कर सकते हैं? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या कोविड से ठीक हुए लोग अंगदान कर सकते हैं?
हां, कर सकते हैं। कोविड से पूरी तरह ठीक हो चुके व्यक्ति अगर टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं, तो वे सुरक्षित रूप से अंगदान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके अनुभव में ऐसे मामलों में ट्रांसप्लांट सफल रहा है, और डोनर के अंगों से रिसीवर को कोई नुकसान नहीं हुआ।
वैज्ञानिक स्टडी का समर्थन
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (सेंट लुइस) द्वारा की गई एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है कि पहले कोविड पॉजिटिव रहे डोनर की किडनी सुरक्षित रूप से ट्रांसप्लांट की जा सकती है। इस शोध में पाया गया कि रिसीवर को कोई संक्रमण नहीं हुआ।
महामारी के दौरान क्या हुआ था?
कोविड के दौरान अस्पतालों ने एहतियातन कोविड पॉजिटिव या हाल ही में ठीक हुए मरीजों से अंग लेना बंद कर दिया था, ताकि वायरस का कोई खतरा न हो। लेकिन अब जब स्थिति सामान्य हो गई है और वायरस के प्रभाव कम हो चुके हैं, तो ऐसे डोनर्स से अंग लेना सुरक्षित माना जा रहा है।
भारत में अंगदान की स्थिति कैसी है?
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अंग ट्रांसप्लांट करने वाला देश है (अमेरिका और चीन के बाद)। लेकिन प्रति 10 लाख आबादी पर अंगदान की दर अब भी बहुत कम है। लैंसेट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 2 लाख से ज्यादा लोग एंड-स्टेज किडनी फेलियर से जूझते हैं। मगर ट्रांसप्लांट सिर्फ 11,000 ही हो पाते हैं – यानी ज़रूरत और उपलब्धता के बीच बहुत बड़ा अंतर है।
ट्रांसप्लांट में रुकावटें क्या हैं?
अंगदाताओं की कमी। ग्रामीण और दूर-दराज़ इलाकों में अंग पहुंचाने में कठिनाई। अधिकतर ट्रांसप्लांट प्राइवेट अस्पतालों में होते हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर लोग इससे वंचित रह जाते हैं।
क्या अंगदान करने से कोई नुकसान होता है?
अधिकतर लोग मृत्यु के बाद अंगदान करते हैं, जो कि पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार होता है। लकिन कुछ अंगों का दान लोग जीवित रहते हुए भी कर सकते हैं, जैसे
किडनी
लिवर का हिस्सा
हड्डियों का गूदा (Bone marrow)
रक्त (Blood)
इसमें थोड़े-बहुत जोखिम हो सकते हैं, जैसे:
हल्की कमजोरी
दर्द
सर्जरी या एनेस्थीसिया से जुड़े संक्रमण
लेकिन कुल मिलाकर, अंगदान से किसी की जान बचाई जा सकती है, और यह एक बहुत ही नेक कार्य है। कोविड से ठीक हो चुके मरीज अब सुरक्षित रूप से अंगदान कर सकते हैं, बशर्ते वे पूरी तरह स्वस्थ हों और मेडिकल जांच में फिट पाए जाएं। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जो ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं।