हाथरस केसः महिला संगठन हुए एकजुट, CM योगी को बर्खास्त करने की रखी मांग
punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 07:35 PM (IST)
हाथरस पीड़िता ने एक बार फिर देश के सिस्टम के आगे कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता के साथ हुई दरिदंगी का जवाब हर कोई चाहता है कि आखिर लड़कियां कब सुरक्षित होगीं? बस इसी के चलते पूरा विभिन्न संस्थाएं, एनजीओ, महिला संगठन आवाज उठा रहे हैं। इसी केस को लेकर देशभर के महिला संगठन पीड़िता परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं, वहीं देश के कुछ नामी संगठन मिलकर यूपी सरकार के खिलाफ मोर्चा भी निकार रहे हैं। महिला संगठन NFIW (National Federation of Indian Women), प्रगतिशिल महिला संगठन और ANHAD जो कि एक एनजीओ है, ने बीते दिन हाथरस का दौरा किया। जिसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बर्खास्त करने की मांग की।
NFIW की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, प्रगतिशिल महिला संगठन PMS की महासचिव पूनम कौशिक और कार्यकर्ता शबनम हाशमी हाथरस में पीड़ित परिवार से मिले। इतना ही नहीं उन्होंने अलीगढ़ में डॉक्टर्स और उनके स्टाफ के साथ भी मुलाकात की। हाथरस रेप पीड़ित परिवार से मिलने के बाद महिला संगठन ने यह मांग की है कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
CM योगी को बर्खास्त करने की रखी मांग
महिला संगठन की टीम के द्वारा यह भी मांग की गई कि सीएम योगी आदित्यानाथ को उनकी पोस्ट से बर्खासत किया जाए। महिला संगठन की मानें तो ,' लगातार महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा की हालत बिगड़ती जा रही है खासकर दलितों के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है।'
अलीगढ़ से दिल्ली लाने पर भी उठाए सवाल
वहीं NFIW की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने एक वेबसाइट के साथ बातीचत में यह भी सवाल उठाए हैं कि आखिर पीड़ित लड़की को अलीगढ़ से दिल्ली क्यों लेजाया गया। इतना ही नहीं एनी राजा ने यह भी कहा कि जब वह परिवार से मिली तो परिवार वालों ने यही कहा कि उनकी बेटी अलीगढ़ में ठीक थी और बोल रही थी लेकिन उसे दिल्ली क्यों लाया गया जहां अचानक ही उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि अलीगढ़ में पीड़िता को दिल्ली ले जाने से पहले उसका इलाज किया गया था।
'अपराधियों को बचाना निंदनीय है'
रेप की बात को नकारने पर यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब उस पीड़ित लड़की से पूछा गया कि आखिर उन्होंने तुम्हारा गला क्यों घोंटा तो लड़की की तरफ से कहा गया था क्योंकि उसने उनके द्वारा हो रही जबरदस्ती का विरोध किया था और जबरदस्ती शब्द यौन उत्पीड़न के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अपराधियों को बचाने की कोशिश में सरकार और भाजपा की कोशिशें बेहद निंदनीय हैं।