जन्माष्टमी पर घर लाएं श्रीकृष्ण की ये 7 प्रिय चीजें, जाग जाएगी आपकी सोई किस्मत
punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 05:19 PM (IST)
भारत में हर साल जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। यह पर्व नंद के लाल भगवान श्री कृष्ण के जन्म उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जहां महिलाएं इस दिन जन्माष्टमी व्रत रखती हैं वहीं युवा टोलियां बनाकर दही-हांडी फोड़ते हैं। वहीं, इस त्यौहार पर श्रीकृष्ण की 7 प्रिय चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इनसे ना सिर्फ घर में सुख-समृद्धि आती है बल्कि कभी पैसों से जुड़ी समस्याएं भी नहीं होती। चलिए आपको बताते हैं कि जन्माष्टमी पर किन चीजों को खरीदना शुभ माना जाता है।
शंख
श्रीकृष्ण को शंख बहुत प्रिय है। कहा जाता है कि इसमें माता लक्ष्मी वास करती है। ऐसे में जन्माष्टमी पर शंख खरीदकर नंदलाल का अभिषेक करें। साथ ही पूजा के वक्त शंख जरूर बजाएं। इसकी ध्वनि से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
मोरपंख
मोरपंख श्रीकृष्ण को अति प्रिय है इसलिए इसे खरीदकर घर में जरूर रखें। मोरपंख रखने से कलह-क्लेश दूर रहता है और घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। वहीं, इससे बुरी शक्तियों का भी नाश होता है और बच्चे को डर भी नहीं लगता।
बांसुरी
कृष्णा को बांसुरी बेहद प्रिय है। जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को लकड़ी या चांदी की बांसुरी अर्पित करें। पूजा के बाद इसे तिजोरी, पर्स या मंदिर में रख दें।
गाय व बछड़ें
कृष्ण जी को ग्वाला भी कहा जाता है क्योंकि वह गाय व बछड़ों को चराते थे। जन्माष्टमी के इस शुभ अवसर पर आप गाय-बछड़े की छोटी-सी प्रतिमा खरीदकर मंदिर में रखें। मान्यता है कि इससे पैसों की तंगी नहीं होगा और संतान का सुख भी मिलेगा।
चंदन
भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय चंदन धार्मिक नजरिए से भी काफी शुभ माना जाता है। इसकी महक से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। जन्माष्टमी के दिन आप घर में इसका पौधा भी लगा सकते हैं।
वैजयंती माला
कीचड़ में खिलने के बाद भी कमल के फूल में कोई अवगुण नहीं होता इसलिए भगवान श्रीकृष्ण हमेशा ही गले में कमल की वैजयंती माला धारण करते थे। जन्माष्टमी पर इसे खरीदकर धारण करें। इससे आपको हर मुश्किल परिस्थिति से लड़ने की ताकत मिलेगी।
वीणा
घर में वीणा रखने से सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण ही नहीं बल्कि मां सरस्वती की कृपा भी बरसेगी। मान्यता है कि इससे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती और साथ ही बुद्धि का भी विकास होता है।