ब्रैस्ट कैंसर बन सकता हैं महिलाओं की मौत का कारण

punjabkesari.in Sunday, Nov 06, 2016 - 05:07 PM (IST)

नयी दिल्ली:महिलाओं में कैंसर मौत का बड़ा कारण अनियमित जीवन शैली, अधिक उम्र में विवाह करने, तंबाकू उत्पादों के सेवन से देश में महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है।  भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आकंडों के अनुसार वर्ष 2012 में महिलाओं में स्तन कैंसर से मौत के 39,234 मामले सामने आए थे और 2013 में इन मौतों का आकंडा बढ़कर 40,509 हो गया जो वर्ष 2014 में बढ़कर 41,851 हो गया।

 

आईसीएमआर ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ वर्षों में कैंसर के मामलों में बेतहाशा वृद्धि होगी और वर्ष 2020 तक 17 लाख से अधिक नए मामले सामने आएंगे। आईसीएमआर ने कहा है कि 2012-2014 तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्तन कैंसर से महिलाओं की मौतों के पीछे अनियमित जीवन शैली,बढ़ती उम्र, तबांकू उत्पादों का सेवन था, जिसने कैंसर को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक का कार्य किया।

 

महिलाओं में स्तन कैंसर के मुकाबले गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर मौत का सबसे बड़ा कारण है और वर्ष 2015 में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से 62 हजार से अधिक महिलाओं की मौत हुई जो देश में महिलाओं में कैंसर से होने वाली कुल मौत का 24 प्रतिशत है।

 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केन्द्र सरकार महिलाओं में कैंसर के परीक्षण, निदान, उपचार, रोकथाम के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग कर रही है और जिला स्तर तक चलाए जाने वाले इन कार्यक्रमों में स्तन ,गर्भाशय ग्रीवा और मुंह के कैंसर पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।

 

सरकारी अस्पतालों में कैंसर का उपचार पूरी तरह निशुल्क है अथवा नाम मात्र का शुल्क लिया जाता है। राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल, डा.रामनोहहर लोहिया अस्पताल, चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर, पुड्डचेरी के जिपमेर, कोलकाता में चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट आदि में कैंसर की पहचान और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। 


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