Brain Clots Symptoms: विनोद कांबली को हुई इस बीमारी के शुरुआती संकेत क्या हैं?

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2024 - 12:46 PM (IST)

नारी डेस्क: पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली की तबीयत हाल ही में खराब हो गई, और उन्हें यूरिन इन्फेक्शन के साथ-साथ शरीर में ऐंठन महसूस हो रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जांच की, और पाया कि उनके मस्तिष्क में खून के थक्के (ब्रेन क्लॉट्स) जम गए थे। डॉक्टरों ने इसे गंभीर स्थिति बताया और कहा कि अगर इसका उपचार समय पर नहीं किया गया तो यह जानलेवा हो सकता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में और इसके लक्षणों को पहचानने के तरीके।

ब्रेन क्लॉट क्या है?

ब्रेन क्लॉट, जिसे स्ट्रोक भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क में खून का प्रवाह रुक जाता है। इस स्थिति में, मस्तिष्क को ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों की सप्लाई बंद हो जाती है, जिससे मस्तिष्क के कोशिकाओं की क्षति हो सकती है। यह स्थिति जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है, और इसमें तात्कालिक चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो ब्रेन क्लॉट व्यक्ति को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है या जान भी ले सकता है।

विनोद कांबली के डॉक्टरों के अनुसार, मस्तिष्क में खून के थक्के जमने की स्थिति गंभीर हो सकती है और इसे तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि इस समस्या के लिए नियमित जांच और मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए उपचार शुरू किया गया है।

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ब्रेन क्लॉट के लक्षण

ब्रेन क्लॉट के कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं, जिन्हें समय पर पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि तात्कालिक इलाज लिया जा सके। ये लक्षण हैं:

कमजोरी (Weakness) - अचानक शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी आना, विशेषकर चेहरे, हाथ या पैरों में। इस तरह की कमजोरी सामान्यतः एकतरफ होती है और यह स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं।

बोलने में समस्या (Speech Problems) - बोलने में कठिनाई होना, शब्दों को सही से नहीं बोल पाना या समझने में परेशानी होना। ये भी ब्रेन क्लॉट के संकेत हो सकते हैं।

सिरदर्द (Severe Headache) - अचानक तेज सिरदर्द का महसूस होना, जो बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है। यह सिर में बहुत तेज और असहनीय दर्द हो सकता है।

धुंधली दृष्टि (Blurred Vision) - देखने में परेशानी होना, जैसे कि धुंधली दृष्टि या दोहरी दृष्टि का अनुभव होना। इस तरह की विज़न समस्या ब्रेन क्लॉट की स्थिति में आमतौर पर पाई जाती है।

बैलेंस की समस्या (Balance Issues) - शरीर को संतुलित करने में कठिनाई होना, जैसे चलने में परेशानी होना, सीधा खड़ा रहने में समस्या आना। यह ब्रेन क्लॉट के एक अन्य महत्वपूर्ण लक्षण हो सकता है।

इसके अलावा, ब्रेन क्लॉट से संबंधित अन्य लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, अचानक शरीर में सर्दी-गर्मी महसूस होना, और चीजों को भूलना शामिल हो सकते हैं।

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ब्रेन क्लॉट से बचाव के उपाय

ब्रेन क्लॉट से बचाव के लिए कुछ एहतियात बरतना जरूरी है, जिनमें से कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

हेल्दी डाइट और नियंत्रित वजन - वजन को नियंत्रित रखने और हेल्दी डाइट का पालन करने से शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक रहता है। स्वस्थ आहार में फलों, सब्जियों, फाइबर, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन करें।

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नियमित शारीरिक गतिविधि - रोज़ाना शारीरिक व्यायाम जैसे चलना, दौड़ना, योग आदि से शरीर को स्वस्थ बनाए रखें। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।

धूम्रपान से बचें - धूम्रपान करने से खून की गाढ़ाई बढ़ सकती है, जो ब्रेन क्लॉट का कारण बन सकती है। इसलिए धूम्रपान से बचने की कोशिश करें।

खून को पतला करने वाली दवाएं - डॉक्टर की सलाह से खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर सकते हैं, जो खून के थक्कों के बनने की प्रक्रिया को रोक सकती हैं।

हाई बीपी का इलाज - उच्च रक्तचाप (हाई BP) ब्रेन क्लॉट का एक प्रमुख कारण है, इसलिए इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।

कोलेस्ट्रॉल और शुगर का स्तर नियंत्रित करें - कोलेस्ट्रॉल और शुगर का स्तर बढ़ने से रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ता है, इसलिए इनका स्तर नियंत्रित रखना जरूरी है।

विनोद कांबली की तबीयत कैसी है?

विनोद कांबली को हाल ही में ठाणे के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनकी मेडिकल टीम ने उनकी स्थिति की जांच की है, और वे अभी इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टर उनकी स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं और उनकी ब्रेन क्लॉट्स की समस्या का इलाज जारी है। फिलहाल, उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है, और वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।

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ब्रेन क्लॉट्स (स्ट्रोक) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसे समय रहते पहचान कर तुरंत इलाज करना जरूरी है। अगर आपको इस बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करें। इससे न केवल आपकी जान बच सकती है, बल्कि आप बेहतर जीवन जी सकते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए हेल्दी जीवनशैली अपनाना और नियमित जांच करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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